नई दिल्ली: अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की बैठक का ब्योरा जारी होने से पहले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने सतर्कता बरतते हुए इस महीने अबतक भारतीय शेयर बाजारों से 2,313 करोड़ रुपये निकाले हैं। हालांकि, एफपीआई की बिकवाली की रफ्तार जनवरी के मुकाबले कम हुई है। उस समय विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजारों से 28,852 करोड़ रुपये निकाले थे। डिपॉजिटरी के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
इससे पहले दिसंबर में एफपीआई ने शेयरों में 11,119 करोड़ रुपये और नवंबर में 36,238 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। जियोजीत फाइनेंशियल र्सिवसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि अमेरिका में बढ़ती दरों से भारत सहित अन्य उभरते बाजारों से पूंजी की निकासी हो सकती है। आंकड़ों के मुताबिक, एक से 24 फरवरी के दौरान एफपीआई ने भारतीय शेयरों से शुद्ध रूप से 2,313 करोड़ रुपये की निकासी की है।
मॉर्निंगस्टोर इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘एफओएमसी की बैठक का ब्योरा जारी होने से पहले और अमेरिका में निराशाजनक आर्थिक आंकड़ों की वजह से एफपीआई ने सतर्कता का रुख अपनाया है। मुद्रास्फीति में कमी की रफ्तार धीमी होने की वजह से अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा अधिक लंबे समय तक ब्याज दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला कायम रखने की आशंका है।’’ समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने ऋण या बॉन्ड बाजार में 2,819 करोड़ रुपये का निवेश किया है।