नयी दिल्ली: सरकार ने पान मसाला एवं तंबाकू उत्पाद विनिर्माताओं पर एक अप्रैल से प्रभावी खुदरा बिक्री मूल्य पर आधारित जीएसटी उपकर को निर्धारित कर दिया है। पान मसाला एवं तंबाकू उत्पादों पर पहले 28 प्रतिशत की दर से लगने वाले माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के अलावा उसपर मूल्य के अनुपात में उपकर लगता था। लेकिन अब इस व्यवस्था में बदलाव कर दिया गया है। वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक, जीएसटी उपकर के तौर पर पान मसाला पाउच के खुदरा बिक्री मूल्य (आरएसपी) का 0.32 गुना वसूला जाएगा। नई दरें एक अप्रैल, 2023 की तारीख से लागू हो गई हैं।
तंबाकू गुटखा वाले पान मसाला पर जीएसटी उपकर आरएसपी का 0.61 गुना लगेगा जबकि सिगरेट एवं पाइप वाली तंबाकू सामग्री के लिए यह दर 0.69 गुना है। तंबाकू चबाना, फिल्टर वाली खैनी और जर्दा पर आरएसपी का 0.56 गुना उपकर लगेगा जबकि हुक्का एवं ब्रांडेड कच्चे तंबाकू के लिए यह दर 0.36 गुना है। खुदरा बिक्री मूल्य के आधार पर जीएसटी उपकर लगाने से तंबाकू विनिर्माताओं को अब पान मसाला एवं तंबाकू उत्पादों के कारखाने से बाहर निकलते समय अंतिम खुदरा मूल्य पर उपकर चुकाना होगा। इससे कर चोरी को रोकने में मदद मिलेगी क्योंकि उपकर को कारखाना के स्तर पर ही वसूल लिया जाएगा।एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ साझेदार रजत मोहन ने कहा कि आरएसपी-आधारित उपकर व्यवस्था अपनाने से सरकार को राजस्व का अधिक टिकाऊ जरिया मिल सकता है। उन्होंने कहा कि विनिर्माता के स्तर पर कर इकट्ठा होने से पान मसाला उद्योग में कर चोरी को कम किया जा सकता है।