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कपड़ा क्षेत्र में चीन की छोड़ी जगह हासिल करने के लिए समग्र दृष्टिकोण जरूरी: SIMA

कोयंबटूर: वैश्विक बाजार में उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाने के लिए कपड़ा और परिधान उद्योग को दीर्घकालिक नजरिए के साथ एक समग्र दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।साउदर्न इंडिया मिल्स एसोसिएशन (एसआईएमए) के अधिकारियों ने शनिवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि रोजगार देने के लिहाज से कपड़ा और परिधान उद्योग का कृषि के बाद दूसरा स्थान है। यह क्षेत्र जीएसटी के रूप में 30,000 करोड़ रुपये का राजस्व देता है और 44 अरब अमेरिकी डॉलर की विदेशी मुद्रा अíजत करता है।

एसआईएमए के चेयरमैन एस के सुंदररमन ने कहा कि उद्योगों को हाल के दिनों में कच्चे माल के मोर्चे पर संरचनात्मक मुद्दों, उत्पादन की उच्च लागत, संचालन के पैमाने सहित अन्य चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।उन्होंने कहा कि एसोसिएशन संरचनात्मक मुद्दों का समाधान करने और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने का प्रयास करेगा।एसोसिएशन के अधिकारियों के अनुसार केंद्र सरकार कपड़ा और परिधान उद्योग की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने पर जोर दे रही है और उसने कई मुद्दों पर ध्यान दिया है।

एक प्रेस बयान में उन्होंने कहा, हालांकि, कुछ क्षेत्रों में नीति संबंधी खामियों और सरकारी बकाया वापस करने में देरी से उद्योग को लगातार उच्च वृद्धि दर हासिल करने में दिक्कत हो रही है। सुंदररमन ने केंद्रीय कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल से अग्रिम प्राधिकरण योजना के तहत आयातित वीएसएफ (विस्कोस स्टेपल फाइबर) और सभी विशेष तथा मूल्य र्विधत फाइबर और फिलामेंट्स को छूट देने का आग्रह किया।

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