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domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init
action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114नई दिल्ली: सरकार के लिए विभिन्न निर्यात क्षेत्रों को प्रदान की गई ब्याज छूट योजना के वास्तविक लाभार्थियों की पहचान करना महत्वपूर्ण है। शोध संस्थान जीटीआरआई ने शनिवार को यह बात कही। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खेप भेजने के पहले और बाद में रुपया निर्यात ऋण की सुविधा अगले साल 30 जून तक देने के लिए शुक्रवार को ब्याज समरूपता या सब्सिडी योजना के तहत 2,500 करोड़ रुपये के अतिरिक्त आवंटन को मंजूरी दे दी।
यह योजना एक अप्रैल, 2015 को शुरू की गई थी और इसकी अवधि 31 मार्च, 2020 तक ही रखी गई थी। लेकिन, बाद में कोविड-19 महामारी के समय इसकी अवधि एक साल के लिए और फिर बाद में इसकी तिथि व आवंटन और बढ़ा दिया गया।वैश्विक व्यापार अनुसंधान पहल (जीटीआरआई) ने कहा,योजना का अभी तक कोई विस्तृत अध्ययन नहीं किया गया है।
सरकार के लिए वास्तविक लाभार्थियों की पहचान करना महत्वपूर्ण है। कम खर्च को ध्यान में रखते हुए यह संभव है कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के बजाय कुछ बड़ी संस्थाएं सबसे अधिक लाभ उठा रही हैं। इसमें कहा गया कि यह पता लगाना भी जरूरी है कि किन उत्पाद समूहों को सबसे अधिक ऋण मिलता है।
इस योजना के माध्यम से छोटी फर्मों की सहायता करने में बैंकों की प्रभावशीलता की जांच की जानी चाहिए। जीटीआरआई के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा,एक संपूर्ण अध्ययन में यह भी पता चल सकता है। कि क्या कुछ वस्तुओं, जैसे कम मात्रा, उच्च मूल्य वाले सामान, जैसे हीरे और सोने के आभूषण, को बाहर रखा जाना चाहिए।
जिनका दुरुपयोग होने की आशंका है। विस्तृत अध्ययन से ही पूरी सच्चाई सामने आ सकती है। इस योजना की लागत औसतन लगभग 3,000 करोड़ रुपये है। भारत से 50,000 से अधिक एमएसएमई विभिन्न उत्पादों का निर्यात कर रहे हैं, साथ ही योजना के तहत आने वाले उत्पादों के लिए एक लाख से अधिक अन्य निर्यातक भी हैं।