मुंबई: भारतीय शेयर बाजार के लिए 2024 एक ऐतिहासिक वर्ष रहा। इस दौरान शेयर बाजार का पूंजीकरण 5.29 ट्रिलियन (खरब) डॉलर के स्तर तक गया और वैश्विक स्तर पर अमरीका, चीन और जापान के बाद भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा बाजार बना। यह जानकारी वीरवार को जारी की गई एक रिपोर्ट में दी गई। वित्तीय फर्म पैंटोमैथ ग्रुप की रिपोर्ट के अनुसार बेंचमार्क सूचकांक निफ्टी और सैंसेक्स ने इस वर्ष क्रमश: 26,277.35 और 85,978.25 का नया सार्वकालिक उच्च स्तर बनाया।
वित्त वर्ष 24 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 8.2 प्रतिशत रही है, जोकि उम्मीद से अधिक थी। महंगाई और कमजोर खपत के कारण वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही में वृद्धि दर कमजोर रही है। रिपोर्ट में कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में सरकारी खर्च, निजी निवेश और ग्रामीण विकास में तेजी से वृद्धि दर में सुधार की उम्मीद है। भारत वैल्यू फंड की सीआईओ और फंड मैनेजर मधु लूनावत के अनुसार, मध्यम अवधि के निवेश के दृष्टिकोण से भारत की लॉन्ग टर्म ग्रोथ स्टोरी में भाग लेने के लिए घरेलू और वैश्विक निवेशकों जैसे एआईएफ, पीएमएस, म्यूचुअल फंड आदि के लिए कई अवसर उपलब्ध हैं।
रिपोर्ट में बताया कि ऑटोमोबाइल क्षेत्र 10 प्रतिशत बढ़कर 6.14 लाख करोड़ रुपए हो गया है, जिसमें ईवी अपनाने पर विशेष ध्यान दिया गया है और इस सैक्टर से वित्त वर्ष 26 तक निर्यात 30 अरब डॉलर होने का अनुमान है। भारत 2070 तक नैट-जीरो उत्सजर्न और 2030 तक 50 प्रतिशत रिन्यूएबल एनर्जी के लिए प्रतिबद्ध है, जिसे नैशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन और रिन्यूएबल एनर्जी में 100 प्रतिशत एफडीआई द्वारा समर्थन दिया जा रहा है।
एसीएमआईआईएल के रिटेल रिसर्च प्रमुख, देवांग शाह ने कहा, ‘भारतीय कॉरपोरेट आय में और सुधार की उम्मीद है। सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर बढ़ेगी और कंपनियों को कमोडिटी की कीमतों में नर्मी का लाभ मिलेगा, जिससे मुनाफे और माजिर्न दोनों में वृद्धि होगी।’