नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि सरकार बुनियादी ढांचे के विकास को अर्थव्यवस्था के लिए प्रेरक शक्ति मानती है और इससे भारत को वर्ष 2047 तक एक विकसित देश बनने में मदद मिलेगी। मोदी ने बुनियादी ढांचा एवं निवेश के विषय पर आयोजित एक बजट-पश्चात वेबिनार में कहा कि इस साल का बजट देश में बुनियादी ढांचा क्षेत्र के विकास को नई ऊर्जा प्रदान करता है। उन्होंने कहा, ‘‘हम बुनियादी ढांचे के विकास को अर्थव्यवस्था के लिए प्रेरक शक्ति मानते हैं। भारत इस रास्ते पर चलकर वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य हासिल कर लेगा।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि अब इस विकास की गति बढ़ाने और ‘टॉप गियर’ में ले जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसमें ‘प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार सड़क, रेलवे, बंदरगाह और हवाई अड्डा जैसे सभी क्षेत्रों में आधुनिक बुनियादी ढांचा तैयार करने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इससे व्यवसायों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और ‘लॉजिस्टिक’ लागत कम करने में मदद मिलेगी।
राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन के अंतर्गत सरकार का वर्ष 2025 तक 110 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का पूंजी निवेश वित्त वर्ष 2013-14 की तुलना में पांच गुना बढ़ा है। वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पूंजीगत व्यय में 33 प्रतिशत वृद्धि करते हुए 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। मोदी ने कई उदाहरण देते हुए कहा, बुनियादी ढांचा किसी भी देश के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। ढांचागत क्षेत्र के इतिहास पर नजर रखने वाले लोग इस बात को बहुत अच्छी तरह जानते हैं। मोदी ने कहा कि कई दशकों तक भारत में ऐसी सोच लोगों के दिमाग में रही कि गरीबी एक गुण है और पूर्ववर्ती सरकारों को देश के बुनियादी ढांचे में निवेश करने में परेशानी का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, ह्लहमारी सरकार ने देश को न सिर्फ इस सोच से निकाला बल्कि आधुनिक ढांचे पर यह बहुत निवेश भी कर रही है। प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार के कार्यकाल में राजमार्गों और हवाईअड्डों के विकास की तेज गति का जिक्र करते हुए कहा कि ‘गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ भारत के ढांचागत एवं मल्टीमोडल लॉजिस्टिक परिदृश्य में नई जान फूंकने जा रहा है।