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रिजर्व बैंक के नीतिगत रुख में बदलाव करना जल्दबाजी होगा : दास

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा कि मौद्रिक नीति के रुख में बदलाव करना बहुत जल्दबाजी होगा और शीर्ष बैंक को दरों के मोर्चे पर दुस्साहस के दृष्टिकोण से बचना होगा। ईटी नाउ के लीडरशिप डायलॉग्स को संबोधित करते दास ने कहा कि रिजर्व बैंक सेबी के साथ मिलकर वायदा और विकल्प खंड में उच्च कारोबार आकार की निगरानी कर रहा है, लेकिन इसपर कोई भी कार्रवाई बाजार नियामक द्वारा की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसी संभावना है कि मार्च तिमाही के लिए चालू खाते घाटा (कैड), जिसकी घोषणा अगले सप्ताह की जाएगी, वित्त वर्ष 2023-24 के पहले 9 महीनों के लिए 1.2 प्रतिशत के आंकड़े से नीचे आ जाएगा। वित्त वर्ष के पहले नौ माह में कैड सकल घरेलू उत्पाद के 1.2 प्रतिशत पर रहेगा, जबकि एक साल पहले समान अवधि में यह 2.6 प्रतिशत के स्तर पर था। वैश्विक बॉन्ड सूचकांकों में देश के शामिल होने के बाद बढ़ते प्रवाह की चर्चाओं के बीच गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक भविष्य में अस्थिरता को नियंत्रित करने के लिए आवशय़क माध्यम के रूप में कार्य करने के लिए भंडार बनाना जारी रखेगा। दास ने कहा कि रिजर्व बैंक को वित्त वर्ष 2024-25 में अर्थव्यवस्था के 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है।

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