संसदीय समिति ने Air India विनिवेश के उद्यम मूल्य पर मंत्रालय से फिर मांगी जानकारी

नई दिल्ली: संसद की एक समिति ने नागर विमानन मंत्रालय से बृहस्पतिवार को एक बार फिर पूछा कि एयर इंडिया के विनिवेश के लिए 18,000 करोड़ रुपये का उद्यम मूल्य किस तरह निकाला गया था। संसद की परिवहन, पर्यटन और संस्कृति विभाग से संबंधित स्थायी समिति ने राज्यसभा में पेश अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी.

नई दिल्ली: संसद की एक समिति ने नागर विमानन मंत्रालय से बृहस्पतिवार को एक बार फिर पूछा कि एयर इंडिया के विनिवेश के लिए 18,000 करोड़ रुपये का उद्यम मूल्य किस तरह निकाला गया था। संसद की परिवहन, पर्यटन और संस्कृति विभाग से संबंधित स्थायी समिति ने राज्यसभा में पेश अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी मांगी है।
यह रिपोर्ट नागर विमानन मंत्रालय की अनुदान मांगों (2023-24) पर जारी रिपोर्ट में की गई अनुशंसाओं एवं टिप्पणियों पर सरकार की कार्रवाई से संबंधित है। टाटा समूह की इकाई टालेस प्राइवेट लिमिटेड ने जनवरी, 2022 में विनिवेश प्रक्रिया के जरिये एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस और एयर इंडिया एयरपोर्ट र्सिवसेज प्राइवेट लिमिटेड (एआईएसएटीएस) में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था।
संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘समिति ने यह पाया कि एयर इंडिया के विनिवेश के लिए बोलियां आमंत्रित करने के लिए उद्यम मूल्यांकन की पद्धति अपनाई गई थी, जिससे संभावित बोलीदाताओं को बही-खाते का आकार बदलने का मौका मिला। समिति यह जानना चाहेगी कि 18,000 करोड़ रुपये का उद्यम मूल्यांकन किस तरह किया गया था।
इसके अलावा संसदीय समिति ने मंत्रालय से उसे एयर इंडिया के कार्यालय परिसरों एवं अन्य संपत्तियों के बारे में भी जानकारी देने के लिए कहा है। उसने पूछा है कि क्या उद्यम मूल्यांकन के दौरान इन संपत्तियों को भी ध्यान में रखा गया था। उद्यम मूल्य के तरीके पर मंत्रालय पहले यह कह चुका है कि भारी घाटे में चल रही एयर इंडिया पर अत्यधिक ऋण एवं अन्य देनदारियों का बोझ था।
इसे ध्यान में रखते हुए अक्टूबर, 2020 में बोली की संरचना को संशोधित कर उद्यम मूल्यांकन कर दिया गया। मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा था कि यह कदम संभावित बोलीदाताओं को बही-खाते का आकार बदलने और बोलियां जुटाने एवं प्रतिस्पर्धा की संभावना बढ़ाने का मौका देने के लिए उठाया गया था।
मंत्रालय ने कहा था, ‘‘उद्यम मूल्यांकन की व्यवस्था ने बोलीकर्ताओं को इक्विटी और ऋण के लिए कुल जोड़ के आधार पर बोली लगाने की अनुमति दी।’ हालांकि, संसदीय समिति ने नागर विमानन मंत्रालय के इस जवाब को स्वीकार नहीं किया है और एयर इंडिया के 18,000 करोड़ रुपये के उद्यम मूल्य के बारे में फिर से विवरण मांगा है।
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