नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा है कि उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के अंतर्गत विशेष इस्पात के घरेलू उत्पादन से मूल्य संर्विधत उत्पादों के आयात को कम करने और विदेशी पूंजी की बचत में मदद मिलेगी। सरकार के साथ लगभग 27 कंपनियों ने विशेष इस्पात के लिए पीएलआई के पहले संस्करण (पीएलआई 1.0) के तहत 57 समझौतों पर हस्ताक्षर किए है। कुलस्ते ने बताया, कि विशेष प्रकार के इस्पात के उत्पादन को बढ़ावा देने और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विचार को अपनाने के लिए हमारी सरकार ने पीएलआई योजना पेश की, जिससे हमारे देश में इस्पात उत्पादन बढ़ सके।
उन्होंने कहा कि इस्पात की विशेष श्रेणी के घरेलू उत्पादन से ना सिर्फ देश की आयात पर निर्भरता कम होगी बल्कि हजारों करोड़ रुपये की विदेशी पूंजी को भी बाहर जाने से बचाया जा सकेगा। कुलस्ते ने कहा कि 6,322 करोड़ रुपये की पीएलआई 1.0 की सफलता के बाद योजना के दूसरे संस्करण को लाने की ठोस योजना बनाई जा रही है। मंत्री ने कहा कि पीएलआई 1.0 के तहत चयनित कंपनियां कोटेड/प्लेटेड स्टील उत्पाद, विशेष रेल, अलॉय स्टील उत्पाद, स्टील वायर और इलेक्ट्रिकल स्टील का विनिर्माण करेंगी। उन्होंने कहा कि इससे घरेलू इस्पात क्षेत्र में 30,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त निवेश होगा, जिससे प्रति वर्ष 2.5 करोड़ टन की क्षमता में वृद्धि होगी और 55,000 नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।