नई दिल्ली: वित्तीय सेवा कंपनी टाटा कैपिटल राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) से टाटा मोटर्स फाइनेंस के विलय की मंजूरी मिलने के बाद आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए शुरुआती दस्तावेज दाखिल कर सकती है। सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कंपनी को इसके लिए एनसीएलटी के अंतिम आदेश का इंतजार है। आईपीओ का आकार करीब दो अरब डॉलर (17,000 करोड़ रुपये) का होगा।
सूत्रों ने बताया इस आकार के लिहाज से कंपनी का मूल्यांकन करीब 11 अरब डॉलर बैठेगा। सूत्रों ने कहा कि एनसीएलटी से अंतिम आदेश का इंतजार है, जो चालू वित्त वर्ष के अंत तक मिल सकता है। कंपनी को दस्तावेजों के मसौदे के बारे में भेजे गए ई-मेल का जवाब नहीं मिला है। टाटा कैपिटल को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा ऊपरी स्तर की गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) के रूप में मान्यता दी गई है।
कंपनी को आईपीओ के लिए अपने निदेशक मंडल की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है। कंपनी आईपीओ के तहत 2.3 करोड़ नए शेयर जारी करेगी। इसके अलावा कुछ मौजूदा शेयरधारकों द्वारा बिक्री पेशकश (ओएफएस) भी लाई जाएगी। आईपीओ के अलावा टाटा कैपिटल ने सार्वजनिक सूचीबद्धता से पहले अपनी वित्तीय स्थिति को और मजबूत करने के लिए राइट्स इशय़ू के जरिये कोष जुटाने की योजना की भी घोषणा की है।
यदि सार्वजनिक निर्गम सफल रहता है, तो यह देश के वित्तीय क्षेत्र के सबसे बड़े सार्वजनिक निर्गम में से एक होगा। नवंबर, 2023 में टाटा टेक्नोलॉजीज की सूचीबद्धता के बाद हाल के वर्षों में यह टाटा समूह का दूसरा सार्वजनिक निर्गम होगा। यह कदम भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की सूचीबद्धता जरूरतों को पूरा करने के प्रयास का हिस्सा है।
रिजर्व बैंक के आदेश के अनुसार, ऊपरी स्तर की एनबीएफसी को यह मान्यता मिलने के तीन साल के भीतर शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होना जरूरी है। टाटा कैपिटल को सितंबर, 2022 में ऊपरी स्तर की एनबीएफसी के रूप में वर्गीकृत किया गया था। टाटा कैपिटल के अलावा ऊपरी स्तर की एक अन्य एनबीएफसी एचडीएफसी बैंक के स्वामित्व वाली एचडीबी फाइनेंशियल र्सिवसेज भी आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है।