नई दिल्ली: यूनिफाइड पेमैंट्स इंटरफेस (यूपीआई) की सफलता जारी है। उद्योग विशेषज्ञों ने कहा कि अगर 2025 के अंत तक यूपीआई ट्रांजैक्शन की संख्या 25 अरब प्रति माह तक पहुंच जाती है, तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा। अक्तूबर 2024 में 16.58 अरब ट्रांजैक्शन और 23.50 लाख करोड़ रुपए के मूल्य के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद, नवंबर में यूपीआई ट्रांजैक्शन की संख्या सालाना आधार पर 38 प्रतिशत वृद्धि के साथ 15.48 अरब रही, जिसका मूल्य सालाना आधार पर 24 प्रतिशत वृद्धि के साथ 21.55 लाख करोड़ रुपए रहा।
वल्र्डलाइन इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, हैड-स्ट्रेटेजी, इनोवेशन और एनालिटिक्स, सुनील रोंगाला के अनुसार, अक्तूबर में त्योहारी सीजन होने के कारण ट्रांजैक्शन में तेजी देखी गई, जो आमतौर पर सभी खर्च चैनलों में देखी जाती है।
उन्होंने कहा कि इसमें सितंबर 2024 के 15.04 अरब लेन-देन पर विचार किया जाना चाहिए, जो दिखाता है कि यूपीआई ट्रांजैक्शन में मासिक आधार पर वृद्धि हो रही है। रोंगाला ने कहा कि स्मार्टफोन की बढ़ती पहुंच और नए उपयोग के मामलों के साथ-साथ फीचर फोन पर यूपीआई के बढ़ते चलन को देखते यह कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी कि 2025 के अंत तक यूपीआई लेनदेन की संख्या 25 अरब प्रति माह तक पहुंच जाए।
नवंबर में डेली ट्रांजैक्शन की संख्या 516 मिलियन थी, जिसमें डेली ट्रांजैक्शन मूल्य 71,840 करोड़ रुपए था। एनपीसीआई के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस) ट्रांजैक्शन की संख्या 408 मिलियन थी, जिसमें कुल ट्रांजैक्शन राशि 5.58 लाख करोड़ रुपए थी। सरकार के अनुसार, यूपीआई ने न केवल फाइनैंशियल ट्रांजैक्शन को तेज, सुरक्षित और सरल बनाया है, बल्कि इसने व्यक्तियों, छोटे व्यवसायों और व्यापारियों को भी सशक्त बनाया है, जिससे देश की कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर बदलाव हुआ है।