केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10,372 करोड़ रुपए के व्यय के साथ इंडिया एआई मिशन को मंजूरी दी

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10,372 करोड़ रुपए के व्यय के साथ 5 साल के लिए ‘इंडिया एआई मिशन’ को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने वीरवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस राशि का इस्तेमाल बड़े कंप्यूटिंग ढांचे के.

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10,372 करोड़ रुपए के व्यय के साथ 5 साल के लिए ‘इंडिया एआई मिशन’ को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने वीरवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस राशि का इस्तेमाल बड़े कंप्यूटिंग ढांचे के सृजन पर किया जाएगा। गोयल ने संवाददाताओं से कहा कि एआई परिवेश बनाने के लिए 10,000 से अधिक जीपीयू (ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट) वाली सुपरकंप्यूटिंग क्षमता विभिन्न संबद्ध पक्षों को उपलब्ध कराई जाएगी।

गोयल ने कहा कि स्टार्टअप, शिक्षा जगत, शोधकर्त्ताओं और उद्योग को भारत एआई (कृत्रिम मेधा) मिशन के तहत स्थापित एआई सुपरकंप्यूटिंग बुनियादी ढांचे तक पहुंच प्रदान की जाएगी। मिशन के तहत एक राष्ट्रीय डाटा प्रबंधन अधिकारी नियुक्त किया जाएगा जो डाटा की गुणवत्ता में सुधार करने और उन्हें एआई विकास और उपयोग के लिए उपलब्ध कराने को लेकर विभिन्न सरकारी विभागों और मंत्रालयों के साथ समन्वय करेगा। वहीं, मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने उज्ज्वला योजना के तहत गरीब महिलाओं को 300 रुपए प्रति सिलैंडर की सबसिडी 1 अप्रैल से शुरू अगले वित्त वर्ष तक के लिए बढ़ा दी।

पिछले साल अक्तूबर में प्रति वर्ष 12 एलपीजी सिलैंडर भराने तक 14.2 किलोग्राम के सिलैंडर पर सबसिडी 200 रुपए से बढ़ाकर 300 रुपए प्रति सिलैंडर कर दी गई थी। 300 रुपए प्रति सिलैंडर सबसिडी चालू वित्त वर्ष के लिए थी, जो 31 मार्च को समाप्त हो रही है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने अब इस सबसिडी को 2024-25 तक बढ़ाने का फैसला किया है। इस कदम से लगभग 10 करोड़ परिवारों को लाभ होने की उम्मीद है। इस पर 12,000 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।

केंद्र ने अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया
केंद्र ने इस साल 1 जनवरी से अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) को मौजूदा 46 प्रतिशत से बढ़ाकर मूल वेतन का 50 प्रतिशत करने की घोषणा की है। आम चुनाव से पहले की गई इस घोषणा का लाभ एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पैंशनभोगियों को मिलेगा। महंगाई भत्ता और महंगाई राहत दोनों के कारण सरकारी खजाने पर संयुक्त रूप से 12,869 करोड़ रुपए सालाना का बोझ पड़ेगा। वर्ष 2024-25 (जनवरी 2024 से फरवरी 2025) के दौरान कुल प्रभाव 15,014 करोड़ रुपए बैठेगा।

डीए में बढ़ौतरी के साथ परिवहन भत्ता, कंटीन भत्ता और प्रतिनियुक्ति भत्ता समेत अन्य भत्तों में 25 प्रतिशत की बढ़ौतरी की गई है। मकान किराया भत्ता मूल वेतन के 27 प्रतिशत, 19 प्रतिशत और 9 प्रतिशत से बढ़ाकर क्रमश: 30 प्रतिशत, 20 प्रतिशत और 10 प्रतिशत कर दिया गया है। ग्रैच्यूटी के तहत लाभ में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके तहत सीमा मौजूदा के 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख रुपए की गई है। इन विभिन्न भत्तों में बढ़ौतरी से सरकारी खजाने पर सालाना 9,400 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा।

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