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Wheat production पिछले साल से 55 लाख टन अधिक होने की संभावना: Singh

नई दिल्ली: खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली विभाग के अपर सचिव सुबोध कुमार सिंह ने शुक्रवार को कहा कि बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि के बावजूद इस बार पिछले वर्ष की तुलना में 50 से 55 लाख टन अधिक गेहूं की पैदावार होने की संभावना है, जिससे पिछले सारे रिकॉर्ड टूट जायेंगे। सिंह ने रालर फ्लोर.

नई दिल्ली: खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली विभाग के अपर सचिव सुबोध कुमार सिंह ने शुक्रवार को कहा कि बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि के बावजूद इस बार पिछले वर्ष की तुलना में 50 से 55 लाख टन अधिक गेहूं की पैदावार होने की संभावना है, जिससे पिछले सारे रिकॉर्ड टूट जायेंगे। सिंह ने रालर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के गेहूं उत्पादन के आकड़े जारी करने को लेकर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बरसात और ओला वृष्टि के कारण रबी फसलों को नुकसान हुआ है, इसके बावजूद 11 करोड़ 20 लाख टन गेहूं की पैदावार होने की उम्मीद है। पिछले वर्ष देश में करीब 10 करोड़ 70 लाख टन गेहूं की पैदावार हुयी थी। उन्होंने कहा कि इस बार पिछले साल की तुलना में तीन से चार प्रतिशत अधिक क्षेत्र में गेहूं की बुआई की गई थी और इसकी पैदावार भी पिछले साल की तुलना में अच्छी होने की उम्मीद है, जिससे पिछले सारे रिकार्ड के टूट जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि तापमान में वृद्धि, वर्षा और ओलावृष्टि से गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है तथा मध्य प्रदेश में कुछ स्थानों में गेहूं की चमक में कमी आई है।

उन्होंने कहा कि सरकार निश्चित रुप से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद करेगी जिससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके। पंजाब , हरियाणा , उत्तर प्रदेश , राजस्थान और मध्य प्रदेश ने निर्धारित गुणवत्ता से कम माणक के गेहूं की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करने का केंद्र से अनुरोध किया है जिस पर विचार किया जा रहा है। सिंह ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि बिहार में देर से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की प्रक्रिया शुरु की गई है जिससे कुछ समस्यायें आ रही हैं। धान की खरीद में हालांकि बहुत अच्छा काम किया गया है और गत वर्ष वहां 30 लाख टन धान की खरीद की गई थी। बिहार में इस बार बड़ी संख्या में गेहूं की खरीद के लिए केंद्र स्थापित किये गये हैं। समय के साथ बिहार में भी खरीद प्रणाली बेहतर हो जायेगी। फेडरेशन के प्रमुख प्रमोद कुमार ने कहा कि सरकार को गेहूं के आटा के निर्यात की अनुमति देनी चाहिए जिससे दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले भारतीयों को यह उत्पाद हासिल हो सके। उन्होंने कहा कि विदेश में 50 से 60 रुपये प्रति किलोग्राम में भी आटा नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में बरसात तथा ओला वृष्टि से गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है लेकिन इस बार बिहार में इसकी फसल बहुत अच्छी है। वहां इस बार बम्पर पैदावार की संभावना है।

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