Aaj Ka Panchang 25 August 2024: 25 अगस्त को भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि और रविवार का दिन है. इस तिथि पर भरणी नक्षत्र और ध्रुव योग का संयोग रहने वाला है. चंद्रमा मेष राशि में मौजूद रहेगा. आइए 25 अगस्त का पंचांग, शुभ मुहूर्त, सूर्योदय, सूर्यास्त का समय और राहु काल के.
अंक ज्योतिष अंक ज्योतिष द्वारा अंकों के माध्यम से व्यक्ति के विषय एवं उसके भविष्य को जानने का प्रयास किया जाता है। उदाहरण के लिए समझिए यदि किसी व्यक्ति का जन्म 23 अप्रैल को हुआ है तो उसकी जन्म तारीख के अंकों का योग 2+3=5 आता है। यानि 5 उस व्यक्ति का मूलांक कहा जाएगा।.
25 August 2024 Ka Rashifal: शनिवार, 25 अगस्त का राशिफल क्या है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहों की स्थिति और नक्षत्रों की चाल का प्रभाव हमारे जीवन पड़ता है. दैनिक राशिफल में इन ग्रहों और नक्षत्रों की दैनिक गतिविधियों का विश्लेषण किया जाता है और फिर यह बताया जाता है कि इन गतिविधियों का आपकी.
धौलपुर। देश भर में 26 अगस्त को श्री कृष्ण जन्माष्टमी बड़े ही धूमधाम से मनाने की तैयारी की जा रही है। राजस्थान के धौलपुर में मथुरा की तर्ज पर कृष्ण जन्मोत्सव बड़े ही खास तरीके से मनाया जा रहा है। कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर हर साल की तरह इस साल भी तीर्थराज मचकुंड.
राशिफल को निकालते समय ग्रह-नक्षत्र के साथ साथ पंचांग की गणना का विश्लेषण किया जाता है। दैनिक राशिफल ग्रह-नक्षत्र की चाल पर आधारित फलादेश है, जिसमें सभी राशियों का दैनिक भविष्यफल विस्तार से बताया जाता है। आज के राशिफल में आपके लिए नौकरी, व्यापार, लेन-देन, परिवार और मित्रों के साथ संबंध, सेहत और दिनभर में.
अंक ज्योतिष अंक ज्योतिष द्वारा अंकों के माध्यम से व्यक्ति के विषय एवं उसके भविष्य को जानने का प्रयास किया जाता है। उदाहरण के लिए समझिए यदि किसी व्यक्ति का जन्म 23 अप्रैल को हुआ है तो उसकी जन्म तारीख के अंकों का योग 2+3=5 आता है। यानि 5 उस व्यक्ति का मूलांक कहा जाएगा।.
24 अगस्त 2024 को भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि है। इस तिथि पर वृद्धि योग का संयोग रहेगा। दिन के शुभ मुहूर्त की बात करें तो शनिवार को अभिजीत मुहूर्त 11:59:-12:47 मिनट तक रहेगा। राहुकाल सुबह 09: 09 -10: 46 मिनट तक रहेगा। चंद्रमा मेष राशि में मौजूद रहेंगे। हिंदू पंचांग को.
धर्म : गूजरी महला १ ॥ नाभि कमल ते ब्रहमा उपजे बेद पड़हि मुखि कंठि सवारि ॥ ता को अंतु न जाई लखणा आवत जात रहै गुबारि ॥१॥ प्रीतम किउ बिसरहि मेरे प्राण अधार ॥ जा की भगति करहि जन पूरे मुनि जन सेवहि गुर वीचारि ॥१॥ रहाउ ॥ रवि ससि दीपक जा के त्रिभवणि.