भोजन मुनष्य के जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। लेकिन क्या आप जानते है की पुराणों में भोजन करने के नियमों के बारे में बताया गया है। माना जाता है के अगर सही तरह से और सही समय पर भोजन ना किया जाए तो वह हमारे शरीर और हमारे जीवन पर बुरा प्रभाव डालते.
विद्या, कला और संगीत की देवी सरस्वती की विशेष पूजा-आराधना बसंत पंचमी के दिन की जाती है। बसंत पंचमी हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल बसंत पंचमी 26 जनवरी दिन गुरुवार को मनाई जा रही है। इस दिन बहुत से शुभ मुहूर्त भी बन रहे.
बसंत पंचमी का पर्व इस साल 26 जनवरी दिन गुरुवार को आ रहा है। इस दिन मां सरस्वती जी की पूजा अर्चना की जाती है। बता दें की इस बसंत पंचमी में बहुत सालों के बाद शुभ योग बन रहे है। इस दिन आप किसी भी शुभ कार्य को बिना मुहूर्त के शुरू कर सकते.
नाखून हमारे हाथों पैरों दोनों की खूबसूरती को बढ़ाते है। घर में बहुत बार हमने अपने बड़ों को यह कहते हुए सुना है की है की हमें हफ्ते के कुछ दिन कि गुरुवार, शनिवार और मंगलवार को नाखून नहीं काटने चाहिए। और अक्सर शाम के समय भी नाखून काटने से मना किया जाता है। शास्त्रों.
बागेश्वर धाम और पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी को आज के समय में हर कोई जनता है। सोशल मीडिया पर भी इनकी वीडियो बहुत वायरल होती है। जिसे देखना बहुत से लोग बहुत पसंद करते है। कहा जाता है कि पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर भगवान हनुमा जी की विशेष कृपा है। बहुत से लोग.
अंक 1 आप अभी पदोन्नति और वेतन की बढ़ोतरी के लिए तैयार हैं। आपके आसपास के लोग आपको आकर्षक और प्रतिभावान समझ रहे हैं। अपनी उपलब्धियों की पहचान पाने के लिए आज के महत्व का मज़ा लें। शुभ अंक- 19 शुभ रंग- बैंगनी अंक 2 रिश्तों को लेकर हमेशा सतर्क रहें। कड़ी मेहनत करें और.
मेष राशि – आज व्यापार और नौकरी के क्षेत्र में आपको बहुत सफलताएं मिल सकती है। रोजगार में आप लोगों को फायदा मिलेगा। पैसो से जुड़े मामले सुलझेंगे। साथी के साथ लम्बी यात्रा पर जाना पड़ सकता हैं। बिजनेस में नई योजनाएं सामने आ सकती हैं। वृषभ राशि – आपके लिए आज का दिन थोड़ा.
आज का पंचांग ???????? दिनांक – 24जनवरी 2023 दिन – मंगलवार विक्रम संवत् – 2079 अयन – उत्तरायण ऋतु – शिशिर मास – माघ पक्ष – शुक्ल पक्ष तिथि – तृतीया 15:27 तक तदुपरांत चतुर्थी नक्षत्र – शतभीषा 21:54 तक तदुपरांत पूर्वाभाद्रपद योग – वरीघा 21:35 तक तदुपरांत परिघ दिशाशूल – उत्तर, उत्तर पश्चिम सूर्योदय.