PM MODI के नेतृत्व में योग की वैश्विक पहचान और प्रसार, प्रतापराव जाधव ने ‘स्वयं और समाज के लिए योग’ थीम पर दिया जोर

नई दिल्लीः राजधानी स्थित राष्ट्रीय मीडिया केंद्र में 10वें ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ के आयोजन के पूर्व कर्टेन रेज़र पत्रकार वार्ता आयोजित की गई। आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव ने अपने अभिभाषण में इस वर्ष की थीम ‘स्वयं और समाज के लिए योग’ के महत्व पर जोर दिया। इस थीम का उद्देश्य व्यक्तिगत और.

नई दिल्लीः राजधानी स्थित राष्ट्रीय मीडिया केंद्र में 10वें ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ के आयोजन के पूर्व कर्टेन रेज़र पत्रकार वार्ता आयोजित की गई। आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव ने अपने अभिभाषण में इस वर्ष की थीम ‘स्वयं और समाज के लिए योग’ के महत्व पर जोर दिया। इस थीम का उद्देश्य व्यक्तिगत और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने में योग की दोहरी भूमिका को उजागर करना है। उन्होंने कहा, “योग न सिर्फ शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास में मदद करता है, बल्कि यह सामाजिक समरसता को भी बढ़ावा देता है।”

जाधव ने इस बात पर भी जोर दिया कि हाल के वर्षों में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में करोड़ों लोगों की विशाल भागीदारी, विश्व भर में योग के गहरे प्रभाव को दर्शाती है। उन्होंने घोषणा की कि प्रधानमंत्री ने प्रत्येक ग्राम प्रधान को एक पत्र भेजा है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में योग के प्रसार और जमीनी स्तर पर लोगों की भागीदारी को प्रोत्साहित किया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक स्तर पर योग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्ष 2015 से, प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के पूर्व में राजपथ, अब कर्तव्य पथ, चंडीगढ़, देहरादून, रांची, जबलपुर और यहां तक कि यूएन मुख्यालय, न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय सहित विभिन्न प्रतिष्ठित स्थानों पर आईडीवाई समारोहों का नेतृत्व किया है। उनके नेतृत्व ने योग की वैश्विक लोकप्रियता और पहचान में काफी वृद्धि की है।

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सितंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा को दिए गए प्रस्ताव के बाद, 11 दिसंबर 2014 को सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि हर साल 21 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक जीत थी। इस प्रयास से योग को एक अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के रूप में मान्यता मिली।

2015 से हर साल, इस दिन को विभिन्न स्थानों पर विभिन्न विषयों और सामूहिक भागीदारी के साथ मनाया जाता है। 2015 में राजपथ से शुरू हुई यह यात्रा ‘योग फॉर पीस एंड हार्मनी’ थीम के साथ शुरू हुई, जिसमें लगभग 35,985 लोग और 84 राष्ट्रों ने हिस्सा लिया। इसके बाद चंडीगढ़, लखनऊ, देहरादून, रांची, मैसूरु में कार्यक्रम आयोजित हुए। वर्ष 2020-21 में यह कार्यक्रम वर्चुअल मोड में आयोजित किया गया। पिछले साल न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक वैश्विक कार्यक्रम आयोजित हुआ।

इस वर्ष की थीम ‘स्वयं और समाज के लिए योग’ विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह योग के व्यक्तिगत लाभों के साथ-साथ समाज में उसकी भूमिका को भी उजागर करती है। आयुष मंत्री ने इस मौके पर कहा कि योग न केवल शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास में सहायक है, बल्कि यह सामाजिक एकता और समरसता को भी बढ़ावा देता है।

यह आयोजन भारत के सांस्कृतिक धरोहर और योग की वैज्ञानिक मान्यता का सम्मान है। प्रधानमंत्री मोदी की इस पहल ने योग को वैश्विक मंच पर स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और योग दिवस के माध्यम से विश्व भर में योग का संदेश पहुँचाने में सहायता की है।

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