संसद की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में पुलिस ने जांच पूरी करने के लिए और समय का किया अनुरोध

न्यायाधीश ने अर्जी पर जेल में बंद आरोपियों नीलम आजाद, मनोरंजन डी, सागर शर्मा, ललित झा, अमोल शिंदे और महेश कुमावत को नोटिस जारी कर 11 मार्च तक जवाब मांगा है।

नयी दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने संसद की सुरक्षा में चूक के मामले में अपनी जांच पूरी करने के लिए एक अदालत का रुख कर और समय देने का अनुरोध करते हुए कहा कि कुछ रिपोर्टों का इंतजार है तथा जुटाए गए डिजिटल डेटा का विश्लेषण करने की आवश्यकता है। दिल्ली पुलिस ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर से मामले की जांच पूरी करने के लिए और तीन महीने का समय देने का अनुरोध किया।

न्यायाधीश ने अर्जी पर जेल में बंद आरोपियों नीलम आजाद, मनोरंजन डी, सागर शर्मा, ललित झा, अमोल शिंदे और महेश कुमावत को नोटिस जारी कर 11 मार्च तक जवाब मांगा है।

संसद पर 2001 में आतंकवादी हमले की बरसी पर सुरक्षा चूक के बड़े मामले में दो व्यक्ति-शर्मा और मनोरंजन डी-पिछले साल 13 दिसंबर को शून्यकाल के दौरान सार्वजनिक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए और एक पीली गैस छोड़ी। सांसदों द्वारा पकड़े जाने से पहले उन्होंने केन फेंकी और नारे लगाए।

लगभग उसी समय, दो अन्य आरोपियों-ंिशदे और आजाद ने भी संसद परिसर के बाहर ‘‘तानाशाही नहीं चलेगी’’ नारे लगाते हुए केन से रंगीन गैस का छिड़काव किया।

अदालत की अनुमति के बिना, जांच एजेंसी के पास जांच पूरी करने के लिए गिरफ्तारी के दिन से तीन महीने का समय होता है। कानून के अनुसार, यदि कोई जांच एजेंसी निर्धारित समय के भीतर जांच पूरी करने में विफल रहती है, तो हिरासत में लिए गए आरोपियों को जमानत का वैधानिक अधिकार है।

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