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मई माह का पहला रवि प्रदोष व्रत , जाने पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त - Dainik Savera Times | Hindi News Portal
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मई माह का पहला रवि प्रदोष व्रत , जाने पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त

हिन्दू पंचांग के हर महीने की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। हिन्दू धर्म के अनुसार इस दिन भगवान शिव की पूजा आराधना की जाती है। प्रदोष व्रत रखना बहुत लाभकारी होता है।

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धर्म :- हिन्दू पंचांग के हर महीने की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। हिन्दू धर्म के अनुसार इस दिन भगवान शिव की पूजा आराधना की जाती है। प्रदोष व्रत रखना बहुत लाभकारी होता है। इस व्रत को करने से शिव अपने भक्तो पर अपनी कृपा बनाए रखते है। ऐसी मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से शिव सभी मनचाही इच्छा पूरी करते हैं। सभी भक्तो को बता दें कि आज वैशाख महीने के कृष्ण पक्ष की प्रदोष व्रत किया जाएगा। इस व्रत को रखने के साथ कथा पढ़ने का भी विशेष महत्व है। क्योकि ऐसा कहा है कि जो भक्त इस कथा को पढ़ता है भोलेनाथ उससे प्रसन्न होते हैं। प्रदोष व्रत का व्रत रखने से धन,सफलता,संपन्नता और समृद्धि की प्राप्ति होती है। दरअसल रवि प्रदोष व्रत में भगवान शिव और सूर्य देव का प्रभाव रहता है। वही इस दिन किये सभी कार्य व्रत और पूजा सफलता दिलाते हैं। आइए जानें रवि प्रदोष व्रत करने का शुभ मुहूर्त

प्रदोष व्रत के दिन पारण कब करना चाहिए
प्रदोष व्रत के दिन भक्तो को सबसे पहले सुबह स्नान करे। इस दिन भगवान शिव की पूरे विधि विधान के साथ पूजा करनी चाहिए। इसके बाद दिन में सिर्फ फलाहार कर प्रदोषकाल में भगवान शिव का अभिषेक करें और पूजा करके व्रत का पारण करना चाहिए।

प्रदोष व्रत के दिन क्या करना चाहिए
इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं. इस दिन भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं। इसके साथ ही सभी कार्यों में सफलता मिलती है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव को सिंदूर, हल्दी, केतकी, तुलसी और नारियल का पानी बिल्कुल नहीं चढ़ाना चाहिए। प्रदोष व्रत वाले दिन महिलाओं को शिवलिंग को छूना नहीं चाहिए।

रवि प्रदोष व्रत 2024 शुभ मुहूर्त

वैशाख कृष्ण त्रयोदशी तिथि शुरू – 5 मई 2024, शाम 5 बजकर 41 से
वैशाख कृष्ण त्रयोदशी तिथि समाप्त – 6 मई 2024, दोपहर 2 बजकर 40 पर
पूजा का समय – शाम 6:59 से लेकर रात 09:06 बजे तक

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