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जानिए कब है देवउठनी एकादशी, मांगलिक कार्य होंगे शुरू, ये है शुभ मुहूर्त और इसका महत्व

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। देवउठनी एकादशी को अन्य कई नामों से भी जाना जाता है। जैसे कि हरि प्रबोधिनी एकादशी और देवुत्थान एकादशी। क्या आप जानते है कि देवउठनी एकादशी के दिन से शुभ कार्यों पर लगी रोक हट जाती है। इस दिन से हम कोई भी शुभ कार्य कर सकते है। इस दिन व्रत रखा जाता है और इसी के साथ साथ भगवन विष्णु जी की पूजा अर्चना भी की जाता है। इसी के ठीक अगले दिन तुलसी विवाह का आयोजन किया जाता है। आइए जानते है इस साल कब आ रही है देवउठनी एकादशी, पूजा शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में:

कब है देवउठनी एकादशी
कहा जाता है कि कार्तिक शुक्ल एकादशी तिथि को देवता गण उठते हैं, इसलिए इसे देवउठनी एकादशी कहते हैं. पंचांग के अनुसार, इस वर्ष कार्तिक शुक्ल एकादशी तिथि 22 नवंबर को रात 11 बजकर 03 मिनट से शुरू हो रही है और यह तिथि 23 नवंबर गुरुवार के दिन रात 09 बजकर 01 मिनट पर समाप्त होगी. उदयातिथि के आधार पर देवउठनी एकादशी का व्रत 23 नवंबर को रखा जाएगा.

महत्व
देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु 4 माह की योग निंद्रा से बाहर आते हैं. उसके बाद वे फिर से सृष्टि के संचालन का दायित्व भगवान शिव से प्राप्त करते हैं. कहा जाता है कि देवउठनी एकादशी को भगवान पाताल लोक को छोड़कर वापस अपने वैकुंठ धाम वापस आ जाते हैं. असुरराज बलि को दिए वचन के अनुसार, भगवान विष्णु देवशयनी एकादशी से लेकर देवउठनी एकादशी तक पाताल लोक में रहते हैं.

चातुर्मास का समापन
देवउठनी एकादशी के दिन चातुर्मास का समापन हो जाता है क्योंकि भगवान विष्णु योग निद्रा से बाहर आ जाते हैं. उस दिन से विवाह, मुंडन, सगाई, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य प्रारंभ हो जाते हैं. उस दिन से इनके लिए शुभ मुहूर्त देखे जाने लगते हैं.

3 शुभ योग
23 नवंबर को देवउठनी एकादशी पर 3 शुभ योगों का निर्माण हो रहा है. उस दिन रवि योग सुबह 06:50 बजे से शाम 05:16 बजे तक है. सर्वार्थ सिद्धि योग शाम 05:16 बजे से अलगे दिन सुबह 06 बजकर 51 मिनट तक है. वहीं सिद्धि योग दिन में 11 बजकर 54 मिनट से अगले दिन सुबह 09 बजकर 05 मिनट तक है.

पारण समय
जो लोग 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी का व्रत रखेंगे, वे 24 नवंबर को सुबह 06 बजकर 51 मिनट से सुबह 08 बजकर 57 मिनट के बीच कभी भी पारण कर सकते हैं. उस दिन पारण के लिए 2 घंटे से अधिक का समय प्राप्त होगा. 24 नवंबर को द्वादशी तिथि की समाप्ति शाम 07 बजकर 06 मिनट पर होगी.

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