सूतजी कहते हैं- कार्तिक के शुक्लपक्ष की चतुर्दशी को आंवले का पूजन करें। आंवले का महान वृक्ष सब पापों का नाश करने वाला है। उक्त चतुर्दशी का नाम बैकुण्ठ चतुर्दशी है। उस दिन आंवले की छाया में जाकर मनुष्य राधा सहित देवेश्वर श्रीहरि का पूजन करें। तदनन्तर आंवले की एक सौ आठ प्रदक्षिणा करें। फिर.
कार्तिक महीने में आने वाली एकादशी बहुत ही खास मानी जाता है। रमा एकादशी का पर्व भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस बारे रमा एकादशी का पर्व 9 नवंबर दिन गुरुवार को आ रहा है। माना जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी और विष्णु जी की पूजा करने से व्यक्ति के सभी बुरे.
धनतेरस का दिन धन की पूजा का दिन है। सचमुच में यह पर्व धन की पूजा अर्थात् धर्म की पूजा का पर्व है। धन जहां लक्ष्मी का प्रतीक है तो धर्म विष्णु का प्रतीक है। जहां विष्णु न होंगे वहां लक्ष्मी भी न होगी। ऐसे ही जहां धर्म न होगा वहां धन भी नहीं रह.
पौराणकि युग में मुचुकंद नामक प्रतापी राजा थे, उनके एक सुंदर कन्या थी, जिसका नाम चंद्रभागा था। इनका विवाह राजा चंद्रसेन के बेटे शोभन के साथ हुआ था। शोभन शारीरिक रूप से अत्यंत दुर्बल था। वह एक समय भी बिना अन्न के नहीं रह सकता था। एक बार दोनों मुचुकंद राजा के राज्य में गए.
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। देवउठनी एकादशी को अन्य कई नामों से भी जाना जाता है। जैसे कि हरि प्रबोधिनी एकादशी और देवुत्थान एकादशी। क्या आप जानते है कि देवउठनी एकादशी के दिन से शुभ कार्यों पर लगी रोक हट जाती है। इस दिन.
हिंदू धर्म में करवा चौथ का व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन सभी सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती है और अपने पति की लम्बी उम्र की मनोकामना करती है। इस दिन 16 सिंघार बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है। खास तौर पर इस दिन महिलाएं हाथों में मेहंदी अवश्य लगती है। क्या.
करवाचौथ एक ऐसा पर्व है जो पति- पत्नी के रिश्ते में अथाह प्यार व विश्वास भर देता है जिसमें दिनभर भूखे रहकर उपवास करने तथा शाम को पति के हाथों जल पीकर उपवास खोलने से लेकर छननी से चांद देखने, सजने-संवरने के पीछे तमाम आस्थाओं और भावनाओं का मकसद भी रहता है। ऐसे अवसर दाम्पत्य.
आज पितृ पक्ष की नवमी तिथि है। इसे मातृ नवमी या मातृ नवमी श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता हैं। मान्यताओं के अनुसार आज के दिन माता पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध आदि करते हैं। आज के दिन उन लोगों का श्राद्ध किया जाता है, जिनका निधन किसी भी माह की नवमी तिथि.