महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर इस फल को चढ़ाने से भगवान शिव हो जाते हैं रुष्ट, भूलकर भी न करें गलती

हर साल महाशिवरात्रि का पर्व बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। इस साल महाशिवरात्रि 18 फरवरी यानि कल को मनाई जा रही है। महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन मा​ह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवन शिव जी की पूजा अर्चना की जाती है। बहुत से लोग इस.

हर साल महाशिवरात्रि का पर्व बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। इस साल महाशिवरात्रि 18 फरवरी यानि कल को मनाई जा रही है। महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन मा​ह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवन शिव जी की पूजा अर्चना की जाती है। बहुत से लोग इस दिन भगवान शिव जी को प्रसन्न करने के लिए उपवास भी रखते है और भगवान शिव जी की पूजा अर्चना भी करते है। क्या आप जानते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग के ऊपर ये फल अर्पित नहीं करना चाहिए, अगर हम शिवलिंग के ऊपर इस फल को रख देते हैं तो इस दिन भगवान शिव आपसे रुष्ट हो जाते हैं। आज हम आपको भगवान शिव जी को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के कुछ बातों के बारे में बताते हैं, तो आइए जानते है:

What does the shivling represent? - Quora

शिवजी की पूजा करते समय शिवलिंग पर बेर, आम, केला, निबौली, बदरी बेर और धतूरे का फल आदि जैसे कई तरह के फल चढ़ाए जाते हैं। लेकिन भूलकर भी महाशिवरात्रि के दिन पूजा करते समय शिवलिंग पर नारियल नहीं चढ़ाना चाहिए और ना ही नारियल के पानी से शिवलिंग पर अभिषेक करना चाहिए। इसका कारण यह है कि, नारियल को श्रीफल भी कहा जाता है और इसे माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है और माता लक्ष्मी भगवान विष्णु की अर्धांगिनी हैं। वहीं आमतौर पर जब हम पूजा में भगवान को फल चढ़ाते हैं तो उसे बाद में प्रसाद स्वरूप ग्रहण करते हैं। लेकिन शिवलिंग पर जिन पदार्थों से अभिषेक किया जाता है, उसे ग्रहण नहीं किया जाता है। मान्यता है कि यदि नारियल का फल या नारियल के पानी को शिवलिंग पर अर्पित कर दिया जाए तो यह ग्रहण करने योग्य नहीं रहता. साथ ही इससे शिवजी भी रुष्ट हो जाते हैं। इसके इलावा शिवपुराण के अनुसार, नारियल फल या नारियल के पानी के साथ ही शिवलिंग पर कभी भी केतकी के फूल, तुलसी पत्ता, हल्की, कुमकुम और सिंदूर आदि भी नहीं चढ़ाना चाहिए।

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