हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 04 फरवरी 2024

सलोक मः ३ ॥ जगतु जलंदा रखि लै आपणी किरपा धारि ॥ जितु दुआरै उबरै तितै लैहु उबारि ॥ सतिगुरि सुखु वेखालिआ सचा सबदु बीचारि ॥ नानक अवरु न सुझई हरि बिनु बखसणहारु ॥१॥ {पन्ना 853}पद्अर्थ: जलंदा = (विकारों में) जलता। रखि लै = बचा ले। धारि = धारण करके। जितु दुआरै = जिस दर.

सलोक मः ३ ॥ जगतु जलंदा रखि लै आपणी किरपा धारि ॥ जितु दुआरै उबरै तितै लैहु उबारि ॥ सतिगुरि सुखु वेखालिआ सचा सबदु बीचारि ॥ नानक अवरु न सुझई हरि बिनु बखसणहारु ॥१॥ {पन्ना 853}
पद्अर्थ: जलंदा = (विकारों में) जलता। रखि लै = बचा ले। धारि = धारण करके। जितु दुआरै = जिस दर से, जिस भी तरीके से। उबरै = बच सके। तितै = उसी ही तरह। सतिगुरि = गुरू ने। सुखु = आत्मिक आनंद। सचा सबदु = सदा स्थिर प्रभू की सिफत सालाह की बाणी। बीचारि = विचार के, मन में टिका के। अवरु = कोई और।1।


अर्थ: हे प्रभू! (विकारों में) जल रहे संसार को अपनी मेहर से बचा लें, जिस भी तरीके से ये बच सकता है उसी तरह बचा ले।
हे नानक! सदा-स्थिर प्रभू की सिफत सालाह की बाणी मन में बसा के (जिस मनुष्य को) सतिगुरू ने (सिमरन का) आत्मिक आनंद दिखा दिया, उसको यह समझ आ जाती है कि परमात्मा के बिना कोई और ये बख्शिश करने वाला नहीं है।1।
मः ३ ॥ हउमै माइआ मोहणी दूजै लगै जाइ ॥ ना इह मारी न मरै ना इह हटि विकाइ ॥ गुर कै सबदि परजालीऐ ता इह विचहु जाइ ॥ तनु मनु होवै उजला नामु वसै मनि आइ ॥ नानक माइआ का मारणु सबदु है गुरमुखि पाइआ जाइ ॥२॥ {पन्ना 853}


पद्अर्थ: हउमै = अहंकार में। हउमै माइआ = माया का अहंकार, माया की चाहत। दूजै = (प्रभू के बिना) और (के मोह) में। हटि = दुकान में। कै सबदि = के शबद से। परजालीअै = अच्छी तरह से जला दी जाए। उजला = पवित्र। मनि = मन में। मारणु = प्रभाव खत्म करने का तरीका।2।


अर्थ: हे भाई! माया का अहंकार (सारे संसार को) अपने वश में करने की समर्थता रखने (की मानसिकता) वाला है, (इसके असर तले जीव परमात्मा को बिसार के) और (के मोह) में फसता है। ये अहंकार ना (किसी और से) मारा जा सकता है, ना ही ये खुद मरता है, ना ही यह किसी दुकान पर बेचा जा सकता है। जब इसको गुरू के शबद द्वारा अच्छी तरह जलाया जाता है, तब ही यह (जीव के) अंदर से समाप्त होता है। (हे भाई! जिस मनुष्य के अंदर से माया का अहंकार खत्म हो जाता है उसका) तन (उसका) मन पवित्र हो जाता है, उसके मन में परमात्मा का नाम आ बसता है।
हे नानक! गुरू का शबद ही माया के प्रभाव को (असर को) खत्म करने का एक मात्र) वसीला है, और, ये शबद गुरू की शरण पड़ने पर ही मिलता है।2।
पउड़ी ॥ सतिगुर की वडिआई सतिगुरि दिती धुरहु हुकमु बुझि नीसाणु ॥ पुती भातीई जावाई सकी अगहु पिछहु टोलि डिठा लाहिओनु सभना का अभिमानु ॥ जिथै को वेखै तिथै मेरा सतिगुरू हरि बखसिओसु सभु जहानु ॥ जि सतिगुर नो मिलि मंने सु हलति पलति सिझै जि वेमुखु होवै सु फिरै भरिसट थानु ॥ जन नानक कै वलि होआ मेरा सुआमी हरि सजण पुरखु सुजानु ॥ पउदी भिति देखि कै सभि आइ पए सतिगुर की पैरी लाहिओनु सभना किअहु मनहु गुमानु ॥१०॥ {पन्ना 853}


पद्अर्थ: वडिआई = इज्जत। सतिगुरि = सतिगुरू ने। धरहु = धुर से ही, हजूरी से। हुकमु = हुकम में, रजा। बुझि = समझ के। नीसाणु = निशान, परवाना, राहदारी। पुती = पुत्रों ने। भातीई = भतीजों ने। सकी = साक संबन्धियों नें। अगहु पिछहु = आगे पीछे से, अच्छी तरह। टोलि = टोल के, परख के। लाहिओनु = उतार दिया उसने। को = कोई मनुष्य। बखसिओसु = उसने बख्शा। जि = जो मनुष्य। मिलि = मिल के। मंने = पतीजता है। सु = वह मनुष्य। हलति = इस लोक में। पलति = परलोक में। सिझै = कामयाब होता है। फिरै = भटकता फिरता है। थानु = हृदय स्थल। भरिआ = (विकारों से) गंदा। जन कै वलि = (अपने) सेवक के पक्ष में। सुजानु = समझदार, सबके दिल की जानने वाला। भिति = चोग, खुराक, आत्मिक भोजन। सभि आइ = सारे आए। लाहिओनु = उसने उतार दिया। किअहु मनहु = के मन से।10।


अर्थ: (जो) इज्जत गुरू (अमरदास जी) की (हुई, वह) गुरू (अंगद देव जी) ने परमात्मा की हजूरी से (मिला) हुकम समझ के परवाना समझ के (उनको) दी। पुत्रों ने, भतीजों ने, और साक-संबन्धियों ने अच्छी तरह परख के देख लिया था (गुरू ने) सबका गुमान दूर कर दिया।
हे भाई! परमात्मा ने (गुरू के माध्यम से) सारे संसार को (नाम की) बख्शिश की है; जहाँ भी कोई देखता है वहाँ ही प्यारा गुरू (नाम की दाति देने के लिए मौजूद) है। जो मनुष्य गुरू को मिल के पतीजता है वह इस लोक में और परलोक में कामयाब हो जाता है, पर जो मनुष्य गुरू की तरफ से मुँह मोड़ता है, वह भटकता फिरता है, उसका हृदय-स्थल (विकारों से) गंदा बना रहता है। हे नानक! (कह-) सब के दिल की जानने वाला सब का मित्र सबमें व्यापक प्रभू अपने सेवक के पक्ष में रहता है।
हे भाई! (गुरू के दर से) आत्मिक खुराक मिलती देख के सारे लोग गुरू के चरणों में आ लगे। गुरू ने सबके मन से अहंकार दूर कर दिया।10

- विज्ञापन -

Latest News