Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the rocket domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114
हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 11 दिसंबर 2023 - Dainik Savera Times | Hindi News Portal
विज्ञापन

हुक्मनामा श्री हरिमंदिर साहिब जी 11 दिसंबर 2023

धनासरी छंत महला ४ घरु १ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ हरि जीउ क्रिपा करे ता नामु धिआईऐ जीउ ॥ सतिगुरु मिलै सुभाइ सहजि गुण गाईऐ जीउ ॥ गुणy गाइ विगसै सदा अनदिनु जा आपि साचे भावए ॥ अहंकारु हउमै तजै माइआ सहजि नामि समावए ॥ आपि करता करे सोई आपि देइ त पाईऐ ॥ हरि.

- विज्ञापन -

धनासरी छंत महला ४ घरु १ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ हरि जीउ क्रिपा करे ता नामु धिआईऐ जीउ ॥ सतिगुरु मिलै सुभाइ सहजि गुण गाईऐ जीउ ॥ गुणy गाइ विगसै सदा अनदिनु जा आपि साचे भावए ॥ अहंकारु हउमै तजै माइआ सहजि नामि समावए ॥ आपि करता करे सोई आपि देइ त पाईऐ ॥ हरि जीउ क्रिपा करे ता नामु धिआईऐ जीउ ॥१॥ अंदरि साचा नेहु पूरे सतिगुरै जीउ ॥ हउ तिसु सेवी दिनु राति मै कदे न वीसरै जीउ ॥ कदे न विसारी अनदिनु सम्ह्हारी जा नामु लई ता जीवा ॥ स्रवणी सुणी त इहु मनु त्रिपतै गुरमुखि अंम्रितु पीवा ॥ नदरि करे ता सतिगुरु मेले अनदिनु बिबेक बुधि बिचरै ॥ अंदरि साचा नेहु पूरे सतिगुरै ॥२॥

अर्थ:- राग धनासरी, घर १ में गुरु रामदास जी की बाणी ‘छंद’। अकाल पूरख एक है व् परमात्मा की कृपा द्वारा मिलता है। हे भाई! अगर परमात्मा आप कृपा कर, तो उस का नाम सिमरा जा सकता है। अगर गुरु मिल जाए, तो (प्रभु के) प्रेम में (लीन हो के) आत्मिक अडोलता मे (सथिर हो के) परमातम के गुणों को गा सकता है। (परमात्मा के) गुण गा के मनुख सदा खुश रहता है, परन्तु यह तभी हो सकता है जब सदा कायम रहने वाला परमात्मा को खुद (यह मेहर करनी) पसंद आये। गुण गाने की बरकत से मनुख का अहंकार , होम्य माया के मोह को त्याग देता है, और आत्मिक अडोलता में हरी नाम में लीन हो जाता है। नाम सुमिरन की दात परमात्मा खुद ही देता है, जब वेह देता है तभी मिलती है, हे भाई! परमात्मा कृपा करे तो ही उस का नाम सिमरा जा सकता है।१। हे भाई ! पूरे गुरु के द्वारा (मेरे) मन में (भगवान के साथ) सदा-थिर रहने वाला प्यार बन गया है। (गुरु की कृपा के साथ) मैं उस (भगवान) को दिन रात सुमिरता रहता हूँ, मुझे वह कभी भी नहीं भूलता। मैं उस को कभी भुलता नहीं, मैं हर समय (उस भगवान को) हृदय में बसाए रखता हूँ। जब मैं उस का नाम जपता हूँ, तब मुझे आत्मिक जीवन प्राप्त होता है। जब मैं आपने कानो के साथ (हरि-नाम) सुनता हूँ तब (मेरा) यह मन (माया की तरफ से) तृप्त हो जाता है। हे भाई ! मैं गुरु की शरण में आकर आत्मिक जीवन देने वाला नाम-जल पीता रहता हूँ (जब भगवान मनुख ऊपर कृपा की) निगाह करता है, तब (उस को) गुरु मिलाता है (तब हर समय उस मनुख के अंदर) अच्छे मंदे की परख कर सकने वाली समझ काम करती है। हे भाई ! पूरे गुरु की कृपा के साथ मेरे अंदर (भगवान के साथ) सदा कायम रहने वाला प्यार बन गया है।2।

Latest News