ऐसा मंदिर जहां मां को आता है पसीना, जानिए इसकी चमत्कारी कहानी

जबलपुर : मंदिराें में आप ने एसी लगे जरुर देखें हाेगे, लेकिन आज हम आपकाे एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर अगर कुछ मिनट के लिए भी एसी बंद हाे जाएं, ताे मां काली काे पसीना आने लगता हैं। काली मां काे पसीना निकलने के कारणाें पर कई बार.

जबलपुर : मंदिराें में आप ने एसी लगे जरुर देखें हाेगे, लेकिन आज हम आपकाे एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर अगर कुछ मिनट के लिए भी एसी बंद हाे जाएं, ताे मां काली काे पसीना आने लगता हैं। काली मां काे पसीना निकलने के कारणाें पर कई बार खाेजा गया, लेकिन विज्ञान भी इसका जवाब नहीं तलाश पाया। बता दें, मां काली का ये मंदिर जबलपुर में स्थित हैं। यहां पर एसी के बिना मां काली की प्रतिमा से पसीना निकलने लगता है, कुछ ही पलों में हालात ऐसे बन जाते हैं कि पुजारियों को माता काली की प्रतिमा के परिधान कई-कई बार बदलने पड़ जाते हैं। मां काली की प्रतिमा से पसीना क्यों निकलता है, यह सदियों से रहस्य बना हुआ है। यह मंदिर संस्कारधानी जबलपुर में स्थित है, जिस बंजारों की काली मां का मंदिर भी कहा जाता है। यहां काली के दरबार में कई रहस्य छुपे हुए हैं, जिनका राज आज भी कोई नहीं जान पाया हैं।

मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर में लगभग 550 साल पहले काली मां की भव्य प्रतिमा को गोंडवाना साम्राज्य के दौरान स्थापित किया गया था। मंदिर के प्रधान पुजारी बताते हैं कि पहले यहां पर जंगल हुआ करता था, उसके बीच में कुछ बंजारों का परिवार रहता था। उन्हीं बंजारों के द्वारा यह मूर्ति स्थापित की गई थी। कहा जाता है कि जब बंजारे यह स्थान छोड़कर आगे बढ़ने लगे तो उन्होंने माता की मूर्ति को आगे ले जाने की कोशिश की, लेकिन माता महाकाली की मूर्ति 1 इंच भी इधर से उधर नहीं हुई। इसके बाद बंजारे माता महाकाली की मूर्ति को छोड़कर आगे बढ़ गए।

इसके बाद से यहां के रहवासी माता की पूजन-अर्चन करने लगे। कहते हैं तब से ही माता की प्रतिमा को जरा सी भी गर्मी सहन नहीं होती और पसीना आने लगता था। पहले श्रद्धालुओं ने वहां कूलर लगवा दिया, लेकिन उसके बाद भी जब मां काली को पसीना आता रहा, तब वहां एसी लगवा दिया गया है, जो दिन-रात चलता रहता है। माना जाता है कि जो भक्त सच्चे मन से माता के दर्शन करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

- विज्ञापन -

Latest News