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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114धर्म :- महाकाल को देवो के देव है इन्हे सबसे दयालु भगवन कहा जाता है जो बहुत जल्द ही अपने भक्तो की मनोकामना को पूरी करते है। ऐसे में पुरे विश्व में प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी में आने वाले श्रद्धालु की संख्या में दिन ब दिन बढ़ोतरी देखी जा रही है। आपको ये जान हैरानी होगी कि यहाँ रोजाना लगभग डेढ़ लाख भक्त पहुंचते हैं जिस हिसाब से सालाना यहाँ पर श्रद्धालु की संख्या करोड़ों में पहुंच जाती है। तो प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर समय-समय पर व्यवस्था में बदलाव किया जाता है।
आपको बता दे कि 41 साल पहले मध्य प्रदेश सरकार ने महाकाल मंदिर प्रबंधन के लिए श्री महाकालेश्वर मंदिर अधिनियम लागू किया था। उसके बाद इस अधिनियम में अब जल्द बदलाव किया जाएगा। वही भक्तो की बढ़ती हुई संख्या के बाद मंदिर समिति के काम करने के तौर तरीके में काफी बदलाव आया है और अब सरकार का मानना है कि पुराने अधिनियम में बदलाव के बाद ही इस क्षेत्र का विकास किया जा सकेगा। अब तक की अधिनियम केवल महाकाल मंदिर परिसर पर लागू था
लेकिन बदलाव के बाद यह शहर के अन्य मंदिरों के लिए भी लागू होगा जो श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। तो चलिए है वो कोन से बदलाव होंगे। नए अधिनियम के बाद न सिर्फ महाकाल बल्कि शहर के अन्य मंदिर भी अधिनियम के अंतर्गत आने लगेंगे। इससे मंदिर में जो भी दान आता है उसका उपयोग विकास कार्यों और सेवा कार्यों में किया जा सकेगा। मंदिर के जरिए लोगों को रोजगार मिल सके इसके लिए पूरी कोशिश की जाएगी। इससे मूर्ति शिल्प और हस्तशिल्प जैसी कलाओं का विकास होगा।
एक्ट में बदलाव करने की बात पर सहमति बन चुकी है और इसका ड्राफ्ट भी तैयार किया जा रहा है। जिसके बाद इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा। वही आचार संहिता जैसे ही खत्म होती है वैसे ही इस पर काम शुरू होगा। पुराने अधिनियम के तहत अब तक पंडे, पुजारी, सेवकों की व्यवस्था, मंदिर का पूरा कामकाज, दान, श्रद्धालुओं के दर्शन की व्यवस्था सब कुछ मंदिर प्रबंधन समिति की जिम्मेदारी है।
मंदिर समिति का अध्यक्ष कलेक्टर को बनाया गया था और प्रशासक की नियुक्ति भी राज्य सरकार की ओर से होती है। इसके साथ बात करे कि इससे श्रद्धालुओं को भी सुविधा होगी। दरअसल 1983 में सीमित संख्या में भक्त बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए आते थे। अब देख जाइये तो वही संख्या रोजाना डेढ़ लाख पर पहुंच चुकी है और लोगो के द्वारा किया दान भी करोड़ों रुपए में होता है।
इस मंदिर के अलावा और भी कई मंदिर लोगो के बिच बहुत मशहूर है जैसे की हरसिद्धि, गढ़कालिका, मंगलनाथ, काल भैरव, चिंतामण समेत शहर के कई सारे मंदिर भक्तो से भरा रहता है। ऐसे में सरकार का मानना है कि नए अधिनियम के तहत अगर एक ही प्रबंधन द्वारा इन सभी मंदिरों का प्रबंधन किया जाएगा। तो श्रद्धालुओं को मिलने वाले सुविधाओं में इजाफा हो सकेगा।