Waqf Board Case Maharashtra News : महाराष्ट्र । वक्फ बोर्ड के द्वारा भूमि अधिग्रहण का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। बोर्ड के द्वारा भूमि अधिग्रहण से संबंधित मामलों में बढ़ती विवादों की स्थिति अब महाराष्ट्र तक पहुंच चुकी है। पिछले कुछ समय से उत्तर प्रदेश, बिहार और अब महाराष्ट्र के लातूर में भी वक्फ बोर्ड ने किसानों को अपनी ज़मीन पर नोटिस भेजे हैं। इस मामले में विवाद की शुरुआत अब एक और नए केस से हो रही है, जहां वक्फ बोर्ड ने 100 से अधिक किसानों को नोटिस भेजकर उनके भूमि पर अधिकार जताने का दावा किया है। आइए जानते है इस पूरे मामले को विस्तार से…
महाराष्ट्र के 103 किसानों को नोटिस
दरअसल, महाराष्ट्र के लातूर जिले में वक्फ बोर्ड ने 103 किसानों को नोटिस भेजा है, जिसमें उनसे ज़मीन पर वक्फ बोर्ड के अधिकार का दावा किया गया है। यह ज़मीन कुल मिलाकर लगभग 300 एकड़ बताई जा रही है, और किसानों का आरोप है कि बोर्ड उनकी जमीन पर अवैध कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहा है। किसानों ने इस मामले में सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है। वहीं एक किसान तुकाराम कनवटे ने कहा कि “यह ज़मीन हमें पीढ़ियों से मिलती आ रही है और यह वक्फ की संपत्ति नहीं है।” तुकाराम कनवटे समेत अन्य प्रभावित किसानों ने इस मामले को महाराष्ट्र राज्य वक्फ ट्रिब्यूनल में चुनौती दी है। इस विवाद की दो बार सुनवाई हो चुकी है और अगली सुनवाई 20 दिसंबर को निर्धारित की गई है।
वक्फ बोर्ड का दावा
हालांकि, वक्फ बोर्ड का कहना है कि जो ज़मीन किसान उपयोग कर रहे हैं, वह पहले से ही वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज है और इसे धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाना चाहिए। वक्फ बोर्ड के इस दावे को किसानों ने सिरे से खारिज किया है। उनका कहना है कि उनके पास इस ज़मीन पर अधिकार साबित करने के लिए कानूनी दस्तावेज़ मौजूद हैं और यह संपत्ति कभी भी वक्फ के नाम पर दर्ज नहीं हुई।
यह कांग्रेस सरकार का पाप का परिणाम है…
इस मुद्दे पर राजनीति भी गर्मा गई है। बीजेपी नेता योगेश सागर ने इस विवाद को कांग्रेस सरकार के कार्यों का परिणाम बताया है। उन्होंने बाला कहा, “यह कांग्रेस सरकार का पाप है, जिसने वक्फ बोर्ड को अतिरिक्त शक्तियां दीं। अब इसके नतीजे देश को भुगतने पड़ रहे हैं।” बीजेपी नेता का आरोप है कि कांग्रेस सरकार ने वक्फ बोर्ड को अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने का मौका दिया।
8 अगस्त को केंद्र सरकार ने लोकसभा में विधेयक पेश किया
वहीं, केंद्र सरकार इस मामले से निपटने के लिए वक्फ बोर्ड के कामकाज को और पारदर्शी बनाने के लिए कदम उठा रही है। 8 अगस्त को केंद्र सरकार ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किया है, जिसका उद्देश्य वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के प्रबंधन को सुव्यवस्थित करना है। इस विधेयक के तहत, वक्फ बोर्ड की गतिविधियों को नियंत्रित करने और पारदर्शिता बढ़ाने की कोशिश की जाएगी। वर्तमान में इस विधेयक की समीक्षा एक संयुक्त संसदीय समिति कर रही है, जो आगे के कदमों का निर्धारण करेगी।
आगे की दिशा
इस मामले में किसानों की ओर से सरकार से जल्द न्याय की उम्मीद की जा रही है। राज्य सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेकर त्वरित समाधान की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि किसानों को न्याय मिल सके और वक्फ बोर्ड के दावे की वास्तविकता भी स्पष्ट हो सके। यह मामला महाराष्ट्र में कानूनी और राजनीतिक स्तर पर काफी ध्यान आकर्षित कर रहा है और इसके परिणाम पूरे देश में वक्फ बोर्ड और भूमि विवादों को लेकर नए कानून और नियमों के निर्माण की आवश्यकता की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।