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domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init
action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114धर्म :-अयोध्या के राजा भगवान श्री राम के भक्त हनुमान की तो मंहिमा ही न्यारी है। पवन पुत्र हनुमान की कृपा जिस पर हो जाएं उसे दुःख का सामना कभी करना नहीं पड़ता है। पवन पुत्र हनुमान जी को कलयुग का देवता कहा जाता है। हर साल चैत्र के माह में हनुमान जयंती का त्योहार शुक्ल पत्र की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है।
इस बार आज यानी 23 अप्रैल 2024 को हनुमान जयंती मनाया जाएगा। इस दिन यदि बजरंगबली के भक्त राम दूत हनुमान जी की पूरे विधि विधान के साथ पूजा करते है तो उसका फल उन्हें जरूर मिलता है। वही कुछ भक्त इस दिन व्रत रख उन्हें प्रसन्न करते है। तो चलिए जानते है की किस तरह पवन पुत्र हनुमान की पूजा अर्चना कर उन्हें प्रसन्न किया जा सकता है।
हनुमान जयंती की पूजा का शुभ मुहूर्त
इस बार हनुमान जयंती आज मंगलवार के दिन पड़ा है। मंगलवार का दिन बजरंगबली को समर्पित किया गया है। जिस वजह से इस दिन की महत्वता और भी बढ़ गयी है। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 3 बजकर 25 से 5 बजकर 18 मिनट के बीच कर सकते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र पूर्णिमा की तिथि की शुरुआत 23 अप्रैल 2024 को सुबह 3 बजकर 25 मिनट होगी, और इसका समापन 24 अप्रैल 2024 को सुबह 5 बजकर 18 मिनट पर होगा।
इन मंत्रों का करें जाप
हनुमान जयंती पर हनुमान जी की आपको पूरे विधि विद्वान के साथ पूजा करने के साथ इन मंत्रो का भी जाप करना चाहिए ऐसा करने से हनुमान जी की विशेष किर्पा प्राप्त होगी। पूजा के दौरान इन मंत्रो का उचार करे।
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमितविक्रमाय
प्रकट-पराक्रमाय महाबलाय सूर्यकोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।
ओम नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय
सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहरणाय
सर्वरोगहराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं कपीश्वर |
यत्पूजितं मया देव! परिपूर्ण तदस्तु मे ||
हनुमान जी की पूजा विधि
हनुमान जन्मोत्सव के दिन जल्दी उठकर बजरंगबली को पूरे श्रृद्धाभाव के साथ प्रणाम करें और उनका पांच बार नाम लेते हुए नमन करें। इसके बाद स्नान कर पीले वस्त्र धारण करें। हनुमान जी के सामने बैठकर हाथ में जल लें और ॐ नाराणाय नम:, ‘ॐ केशवाय नम:, ॐ हृषीकेशाय नम:, ॐ माधवाय नम:, मंत्र का जाप करें। इसके बाद देवता को जल अर्पित कर नमन करें। अब हनुमान चालीसा, सुंदर कांड और बजरंग बाण का पाठ करें। इसके बाद हनुमान जी को बूंदी का भोग लगाएं। हनुमान जी का प्रसाद भक्तों में जरूर बांटें। हनुमान जी की पूजा पूरे श्रृद्धाभाव से करने से भक्तो की मनोकामना जरूर पूरी होगीं।