Gajalakshmi Mata : मां लक्ष्मी के इस रूप की करें पूजा, मिलेगी कर्ज से मुक्ति, आय और सौभाग्य में होगी अपार वृद्धि

Vastu Tips : घर में हर चीज़ सही स्थान पर हो तो घर खुद ब खुद अच्छा और आकर्षित लगने लगता है। जिस प्रकार से हम घर की चीज़ो को उसके जगह पर रखकर घर को अच्छा दिखते है। उसी तरह घर में वास्तु के नियमों का भी बहुत महत्व होता है। दरअसल इन नियमों.

Vastu Tips : घर में हर चीज़ सही स्थान पर हो तो घर खुद ब खुद अच्छा और आकर्षित लगने लगता है। जिस प्रकार से हम घर की चीज़ो को उसके जगह पर रखकर घर को अच्छा दिखते है। उसी तरह घर में वास्तु के नियमों का भी बहुत महत्व होता है। दरअसल इन नियमों का पालन करना घर के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। बता दें घर में सकारात्कम ऊर्जा बनी रहती है जिसका असर हमारे जीवन में सुख-शांति और वृद्धि के रूप में दिखता है। सभी भक्तों को बता दें कि धन की देवी मां लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र के स्थान में वास्तु नियमों का पालन करना बहुत जरूरी होता है। हिन्दू धर्म के अनुसार घर में गजलक्ष्मी का चित्र रखने और उनकी पूजा अर्चना करना बहुत लाभदायी माना जाता है।

आइए जानते हैं गजलक्ष्मी की तस्वीर से जुड़े कुछ वास्तु टिप्स

यहां रखें गजलक्ष्मी की तस्वीर

हिन्दू वास्तु के नियमों के अनुसार, बता दें कि गजलक्ष्मी की तस्वीर घर के उत्तर पूर्व यानी ईशान कोण में या पूजाघर में दाईं ओर रखना चाहिए। ऐसा करने से शुभ फल प्रदान करने वाला होता है। भक्तों को बता दें कि घर में ईशान कोण को देवी देवताओं का स्थान माना जाता है। वही इसके अलावा उत्तर दिशा में भी मां लक्ष्मी के इस रूप को स्थापित किया जा सकता है।

मिलेगी कर्ज से मुक्ति

आपको बता दें कि मां लक्ष्मी जिसमें वे ऐरावत हाथी और एक हाथ में धन का कलश लिए नजर आती हैं मां का वो रूप गजलक्ष्मी कहा जाता है। गज लक्ष्मीमाता की पूजा करना बहुत फलदायी माना जाता है। मां के इस रूप की पूजा करने से घर में धन-वैभव की वृद्धि होती है। इतना ही नहीं गजलक्ष्मी की पूजा से कर्ज से मुक्ति प्राप्त होती है और व्यवसाय मे लाभ के योग भी बनते हैं। लेकिन एक बात का आपको ध्यान रखना बहुत जरूर है कि गजलक्ष्मी स्वरूप के चित्र को घर में सही स्थान पर लगाना होना चाहिए।

गजलक्ष्मी पूजा के इन मंत्रों का करें जाप

गजलक्ष्मी की पूजा में इत्र, गंध और कमल का फूल अर्पित करना चाहिए। गजलक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए गजलक्ष्मी मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।

ऊँ विद्या लक्ष्म्यै नम:
ऊँ आद्य लक्ष्म्यै नम:
ऊँ सौभाग्य लक्ष्म्यै नम:
ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नम:

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