Ayushmann Khurrana और Kirron Kherने चंडीगढ़ में डाला वोट, सोशल मीडिया पर वीडियो हुई वायरल

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पंजाब की सभी 13 और चंडीगढ़ सीट पर मतदान जारी है। इसी कड़ी में बॉलीवुड एक्टर आयुष्मान खुराना और किरण खेर ने अपने गृहनगर यानी चंडीगढ़ जाकर वोटिंग की।

चंडीगढ़: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पंजाब की सभी 13 और चंडीगढ़ सीट पर मतदान जारी है। इसी कड़ी में बॉलीवुड एक्टर आयुष्मान खुराना और किरण खेर ने अपने गृहनगर यानी चंडीगढ़ जाकर वोटिंग की। उनकी तस्वीरें और वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहे हैं। वोट करने के बाद आयुष्मान ने उंगली पर लगी वोटिंग इंक को दिखाया और मीडिया से बात करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए हम सभी को वोट करना चाहिए, खासकर उन्हें जो अभी 18 साल के हुए हैं। हमारे देश की औसत उम्र 30 साल से भी कम है।

इस बार इलेक्शन कमीशन ने मुझे अपने अभियान का हिस्सा बनाया है। ऐसे में मेरी जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि मैं मुंबई से वोटिंग करने के लिए चंडीगढ़ आऊं और लोगों को प्रोत्साहित करूं कि हमें इस लोकसभा चुनाव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। अगले 5 साल किसकी सरकार हो, उसे चुनना चाहिए। वहीं, किरण खेर ने कहा कि मोदी सरकार के खिलाफ नहीं, बल्कि उनके पक्ष में लहर है। मुझे लगता है कि जितना काम मोदी सरकार ने किया है, आज तक किसी ने नहीं किया है।

मोदी सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है और बहुत लोगों के लिए काम किया है। हर स्तर पर काम किया है। किरण खेर ने आगे कहा कि मुझे याद है कि जब कोरोना आया था, दिल्ली से भाग-भागकर लोग चंडीगढ़ आ रहे थे। कोरोना काल में चंडीगढ़ में आॅक्सीजन की कमी नहीं पड़ी, क्योंकि वक्त रहते ही सारी तैयारियां पूरी कर ली गई थीं। हमने सबको राशन दिया। टिकट न मिलने के मीडिया के सवाल पर किरण खेर ने कहा कि 3 महीने पहले ही मैंने टिकट के लिए खुद ही मना कर दिया था।

इसकी वजह मेरा स्वास्थ्य है। मैं एक साल से एक्टिव नहीं थी, बीमार होने के चलते मुझे इलाज के लिए मुंबई जाना पड़ा। किरण ने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि बीजेपी की सरकार आएगी। अमेठी में चुनावी जनसभा में राहुल गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा था कि पहली बार किसी सियासी पार्टी और उनके नेताओं ने साफ कहा कि हम इस संविधान को खत्म कर देंगे… हमें संविधान की रक्षा करनी है। राहुल गांधी के संविधान मुद्दे पर लड़ने के सवाल पर किरण ने कहा कि राहुल गांधी जी के पास कुछ है नहीं बोलने के लिए, असल में संविधान खतरे में इमरजेंसी के वक्त था।

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