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Bade Miyan Chote Miyan : ‘ऊंची दुकान फीका पकवान’- Akshay Kumar-Tiger Shroff की फिल्म के लिए काफी है ये एक लाइन

स्क्रीनप्ले से लेकर डायलॉग्स तक की कमजोर राइटिंग, महंगे बजट की इस शिप में बहुत बड़ा छेद साबित हुई है।

मुंबई : एक अच्छी मसाला एक्शन फिल्म में सिर्फ तीन चीजें चाहिए होती हैं- ठीकठाक प्लॉट, नया-क्रिएटिव एक्शन और स्वैग-ह्यूमर को मजबूती से संभाल लेने वाला हीरो। मगर ‘बड़े मियां छोटे मियां’ इन तीनों में से कुछ भी नहीं दे पाती। स्क्रीनप्ले से लेकर डायलॉग्स तक की कमजोर राइटिंग, महंगे बजट की इस शिप में बहुत बड़ा छेद साबित हुई है। अगर आप एक्शन के शौकीन हैं। अनकही कहानी आपकी प्राथमिकता नहीं है। अक्षय और टाइगर के फैन हैं तो बड़े मियां छोटे मियां आप ही के लिए बनाई गई फिल्म है। अगर आपने अली अब्बास जफर की सुल्तान और टाइगर जिंदा है देखी है तो फिर बड़े मियां छोटे मियां जरूर आपको 440 वोल्ट का झटका दे सकती है।

बड़े मियां छोटे मियां की कहानी

किसी भी फिल्म की सबसे बड़ी ताकत उसकी कहानी और उसे उम्दा तरीके से बयां करने का अंदाज होता है. फिल्म ‘बड़े मियां छोटे मियां’ यहीं पर मार खा जाती और पूरी फिल्म के दौरान मनोरंजन के लिहाज से बुरी तरह से लड़खड़ाती हुई नजर आती है। इंसानों को क्लोन कर दुश्मन देशों को मजा चखाने और दुश्मनों देशों की मिसाइली हमलों से भारत को बचाने के लिए बनाए गये आधुनिक ‘करण कवच’ को तोड़़कर भारत को बर्बाद करने की कहानी में ट्विस्ट और टर्न्स तो बहुत हैं, लेकिन फिल्म की कहानी इस कदर विचित्र और अविश्वसनीय है कि आपको हैरानगी होगी कि आप मनोरंजक फिल्म के नाम पर बड़े पर्दे पर क्या कुछ देख रहे हैं।

देश पर बहुत बड़ी विपदा आने वाली है। देश का दुश्मन पृथ्वीराज सुकुमारन (कबीर) भारत पर AI की मदद से बहुत बड़ा हमला करने वाला है। देश की फोर्स और इंटेलिजेंस के पास इस मुसीबत से निपटने के लिए सिर्फ तीन दिन का वक्त है। ऐसे में इंडियन फोर्स अपने दो पुराने ऑफिसर फिरोज (अक्षय कुमार) और राकेश (टाइगर श्रॉफ) को याद करती है। इन दोनों को कबीर के नापाक मंसूबों के खात्मा के लिए भेजा जाता है। इस मिशन में दोनों का साथ देती हैं, मानुषी छिल्लर (मिशा) और अलाया एफ यानी पैम।

जब कबीर की भिड़ंत राकेश और फिरोज से होती है, तो दोनों को सदमा लग जाता है। राकेश और फिरोज फ्लैश बैक में चले जाते हैं। कबीर भी एक वक्त पर इंडियन आर्मी से जुड़ा रहता है। वो फिरोज और राकेश का अच्छा दोस्त रहता है। अब ऐसी क्या बात है कि वो अपने ही देश और अपने ही लोगों का दुश्मन बन जाता है, इसके लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।

बड़े मियां छोटे मियां का डायरेक्शन

अली अब्बास जफर ने जब भी सलमान खान के साथ फिल्म बनाई, उन्होंने बॉक्स ऑफिस पर कहर बरपा दिया। इस बार उन्होंने दो एक्शन स्टार को चुना। ऐसे स्टार जो अपने करियर के उस पड़ाव पर हैं जहां उन्हें बैक टू बैक फ्लॉप फिल्मों का मुंह देखना पड़ रहा है. फिल्म की एक्ट्रेसेस भी ऐसी हैं, जिन्होंने अभी तक करियर में कामयाबी का स्वाद चखा नहीं है। ऐसे में अली अब्बास को कहानी पर थोड़ा ज्यादा फोकस करना चाहिए था, लेकिन वह कहानी की जगह एक्शन के मकड़जाल में ऐसे फंसे कि अपना पुराना जादुई स्पर्श ही खो बैठे। कुल मिलाकर ये कमजोर कहानी पर एक बड़ी एक्शन फिल्म गढ़ने की कोशिश है जो सफल होती नजर नहीं आती है। वैसे एक बात तो है कि उन्होंने डायरेक्शन के जरिये एक्शन के कई जौहर दिखाए हैं।

स्टारकास्ट की एक्टिंग कैसी है?

कोई शक नहीं है कि अक्षय कुमार और टाइगर श्रॉफ दोनों ने अपने रोल में प्रभावित किया है। दोनों एक्टर्स ने बड़ी आसानी से मुश्किल से मुश्किल एक्शन सीक्वेंस करके दिखाए हैं। खासकर तौर पर टाइगर ज्यादा फ्लेक्सिबल लगे हैं। बीच-बीच में अक्षय की कॉमिक टाइमिंग मजेदार लगती है। मानुषी छिल्लर भी ठीक लगी हैं। अलाया एफ थोड़ी ओवर एक्टिंग करती दिखी हैं। सीनियर आर्मी ऑफिसर के रोल में रोनित रॉय ने भी अच्छा काम किया है। हालांकि इन सब के इतर पृथ्वीराज सुकुमारन सबसे बेस्ट लगे हैं। वो एक तरह से सरप्राइज एलिमेंट बनकर उभरे हैं। आप अक्षय और टाइगर के नाम पर फिल्म देखने जाएंगे, लेकिन जब थिएटर से निकलेंगे तो सुकुमारन की चर्चा करेंगे।

डायरेक्शन कैसा है?

डायरेक्टर अली अब्बास जफर ने फर्स्ट हाफ में कहानी को बिल्कुल इंटरेस्टिंग बनाकर रखा है। इंटरवल के ठीक पहले एक सस्पेंस भी देखने को मिलेगा। सेकेंड हाफ में कहानी बिल्कुल प्रिडिक्टेबल हो जाती है, हालांकि ऐसा नहीं है कि आप बोर हो जाएंगे। कुछ डायलॉग्स जरूर घिसे-पिटे या आउटडेटेड लगेंगे। एकाध जगह छोड़ दें तो फिल्म का VFX ओवरऑल बढ़िया है। फिल्म का विजुअल और साउंड इफेक्ट सबसे बड़ा पॉजिटिव पॉइंट है।

फिल्म का म्यूजिक कैसा है?

फिल्म का BGM शानदार है। BGM पुराने वाले बड़े मियां छोटे मियां (1998) की धुन पर बनाया गया है। पूरी फिल्म में यही एक BGM बनता है। फिल्म में दो तीन गाने हैं, जो सीक्वेंस के हिसाब से जंचते हैं, लेकिन अलग से सुनने लायक नहीं हैं। विशाल मिश्रा ने फिल्म का म्यूजिक दिया है, जबकि इरशाद कामिल ने लिरिक्स लिखे हैं।

फाइनल वर्डिक्ट, देखें या नहीं?

अगर आप एक्शन के शौकीन हैं। अनकही कहानी आपकी प्राथमिकता नहीं है। अक्षय और टाइगर के फैन हैं तो बड़े मियां छोटे मियां आप ही के लिए बनाई गई फिल्म है। अगर आपने अली अब्बास जफर की सुल्तान और टाइगर जिंदा है देखी है तो फिर बड़े मियां छोटे मियां जरूर आपको 440 वोल्ट का झटका दे सकती है।

एक्टर : अक्षय कुमार, टाइगर श्रॉफ, अलाया एफ, मानुषी छिल्लर, सोनाक्षी सिन्हा,रोनित रॉय,मनीष चौधरी

डायरेक्टर : अली अब्बास जफर

श्रेणी: Hindi, Action, Comedy

अवधि : 2 Hrs 44 Min

रेटिंग: 1.5/5 स्टार

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