मुंबई : आमिर खान प्रोडक्शंस की लापता लेडीज ने ऑस्कर अवॉर्ड्स 2024 के लिए एंट्री करके सबका ध्यान अपनी तरफ खींच लिया है। किरण राव द्वारा डायरेक्टेड, ये फिल्म दो शादी-शुदा औरतों की मजेदार कहानी को पेश करती है, जो एक ही ट्रेन में सफर करने के दौरान खो जाती हैं और अंजाने में सामाजिक रिवाजों को चुनौती देती हैं। अपनी अनोखी कहानी और शानदार विजुअल्स के साथ, लापता लेडीज आमिर खान प्रोडक्शंस की असल पहचान को दर्शाती है। यह उन फिल्मों में से है जो हर बार सीमाओं को तोड़ती हैं और इंसानी भावनाओं को गहराई से समझाने की कोशिश करती हैं। आमिर खान प्रोडक्शंस ने हमेशा ऐसे सिनेमा को बनाया है, जो हर बार एक नया नजरिया पेश करता है।
लगान (2001) एक खास ऐतिहासिक फिल्म है, जिसे खेल और ड्रामा का खूबसूरत मिश्रण कहना गलत नहीं होगा। यह ब्रिटिश साम्राज्य के समय की कहानी बताती है, जिसमें गांव वाले ब्रिटिश अधिकारियों को क्रिकेट में चुनौती देते हैं ताकि उन्हें टैक्स न देना पड़े। लगान केवल एक क्रिटिकल और कमर्शियल सफलता ही नहीं थी, बल्कि इसने बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म के लिए एकेडमी अवॉर्ड नॉमिनेशन भी प्राप्त किया। यह भारतीय सिनेमा के लिए एक खास पल था।
तारे ज़मीन पर (2007), आमिर खान और अमोल गुप्ते द्वारा डायरेक्ट की गई, डिस्लेक्सिया की दुनिया और एजुकेशन सिस्टम में मौजूद कमियां तलाशती हैं। एक छोटे लड़के की कहानी के जरिए, ये फिल्म अनोखे प्रतिभाओं को समझने और उन्हें सपोर्ट करने की अहमियत को दिखाती है। ऑस्कर में बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म कैटेगरी में यह भारत की आधिकारिक एंट्री थी, और इसने अपने दिल को छू लेने वाले संदेश के कारण दुनिया भर में दर्शकों को खुद से कनेक्ट किया।
पीपली लाइव (2010) एक व्यंग्यात्मक फिल्म है, जो गांव की गरीबी और मीडिया द्वारा सनसनी फैलाने के तरीके को दिखाती है। यह दो किसानों की कहानी है जो मीडिया का ध्यान और सरकारी मदद पाने के लिए आत्महत्या करने का फैसला करते हैं। फिल्म को क्रिटिक्स ने काफी सराहा और ये एकेडमी अवॉर्ड्स के लिए इंडिया की ऑफिशियल एंट्री थी। इसने भारत में किसानों के मुद्दों पर जरूरी चर्चा को शुरू कर दिया था।