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domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init
action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114मुंबई। बॉलीवुड की जानीमानी अभिनेत्री माला सिन्हा आज 88 वर्ष की हो गई। माला सिन्हा का जन्म 11 नवम्बर 1936 को हुआ था और वह अभिनेत्री नर्गिस से प्रभावित थीं और बचपन से ही उन्हीं की तरह अभिनेत्री बनने का ख्वाब देखा करती थीं। उनका बचपन का नाम आल्डा था और स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे उन्हें ‘‘डालडा’’ कहकर पुकारा करते थे। बाद में उन्होंने अपना नाम अल्बर्ट सिन्हा की जगह माला सिन्हा रख लिया।स्कूल के एक नाटक में माला सिन्हा के अभिनय को देखकर बंगला फिल्मों के जाने-माने निर्देशक अर्धेन्दु बोस उनसे काफी प्रभावित हुए और उनसे अपनी फिल्म ‘‘रोशनआरा’’ में काम करने की पेशकश की। उस दौरान माला सिन्हा ने कई बंगला फिल्मों में काम किया। एक बार बंगला फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में उन्हें मुम्बई जाने का अवसर मिला।
मुम्बई में माला सिन्हा की मुलाकात केदार शर्मा से हुई जो उन दिनों रंगीन रातें के निर्माण में व्यस्त थे। उन्हें माला सिन्हा को अपनी फिल्म के लिए चुन लिया। वर्ष 1954 में माला सिन्हा को प्रदीप कुमार के बादशाह और हेमलेट जैसी फिल्मों में करने का मौका मिला लेकिन दुर्भाग्य से उनकी दोनों फिल्में टिकट खिड़की पर विफल साबित हुई।माला सिन्हा के अभिनय का सितारा निर्माता-निर्देशक गुरूदत्त की 1957 में प्रदर्शित क्लासिक फिल्म प्यासा से चमका। इस फिल्म की कामयाबी ने माला सिन्हा को स्टार के रूप में स्थापित कर दिया। इस बीच माला सिन्हा ने राजकपूर के साथ परवरिश, फिर सुबह होगी, देवानंद के साथ लव मैरिज और शम्मी कपूर के साथ फिल्म उजाला में हल्के-फुल्के रोल कर अपनी बहुआयामी प्रतिभा का परिचय दिया।
वर्ष 1959 में प्रदर्शित बी.आर.चोपड़ा निर्मित फिल्म धूल का फूल के हिट होने के बाद फिल्म इंडस्ट्री में माला सिन्हा के नाम के डंके बजने लगे और बाद में एक के बाद एक कठिन भूमिकाओं को निभाकर वह फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित हो गई। धूल का फूल निर्देशक के रूप में यश चोपड़ा की पहली फिल्म थी।वर्ष 1961 में माला सिन्हा को एक बार फिर से बीआर चोपड़ा की ही फिल्म धर्मपुत्र में काम करने का अवसर मिला जो उनके सिने करियर की एक और सुपरहिट फिल्म साबित हुई। इसके बाद 1963 में माला सिन्हा ने बीआर चोपड़ा की सुपरहिट फिल्म गुमराह में भी काम किया।