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Petrol and Diesel Prices : 55.09 रुपये का Petrol कैसे हो जाता है 94.77 रुपये का… यहां समझिए पूरा गणित

नेशनल डेस्क : पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतें हमेशा से ही आम जनता के लिए चिंता का विषय रही हैं। कल यानी सोमवार को ही सरकार ने स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी (SAED) में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की घोषणा की है। इस बढ़ोतरी से सरकार को 5,000 से 7,000 करोड़ रुपये का.

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नेशनल डेस्क : पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतें हमेशा से ही आम जनता के लिए चिंता का विषय रही हैं। कल यानी सोमवार को ही सरकार ने स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी (SAED) में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की घोषणा की है। इस बढ़ोतरी से सरकार को 5,000 से 7,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा, जो LPG पर होने वाले घाटे की भरपाई करेगा। लेकिन यह सवाल अभी भी बना हुआ है कि जब कच्चे तेल की कीमतें इतनी कम हो गई हैं, तो फिर भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें इतनी क्यों बनी हुई हैं? इसका उत्तर है – टैक्स और ड्यूटी। आइए जानते हैं, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में टैक्स और ड्यूटी का क्या प्रभाव पड़ता है…

PETROL की कीमतों का ब्रेकअप

अगर हम बात देश कि राजधानी दिल्ली की करें तो दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 94.77 रुपये प्रति लीटर है, जबकि इसका असली बेस प्राइस (यानी कच्चा तेल) सिर्फ 55.09 रुपये है। बाकी की कीमत टैक्स और अन्य शुल्कों के कारण बढ़ जाती है। यहाँ देखें पेट्रोल की कीमत का विवरण:

  • बेस प्राइस: ₹55.09
  • बेसिक एक्साइज ड्यूटी: ₹1.4
  • रोड और इंफ्रास्ट्रक्चर सेस: ₹5
  • एग्री इंफ्रा सेस: ₹2.5
  • स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी: ₹5
  • कमीशन: ₹4.39
  • VAT: ₹15.4

कुल कीमत: ₹94.77

यहाँ देखा जा सकता है कि पेट्रोल की कुल कीमत में टैक्स और ड्यूटी का हिस्सा लगभग ₹40 है, जो कि बहुत बड़ी रकम है।

डीजल की कीमतों का ब्रेकअप

इसी तरह, दिल्ली में डीजल की कीमत 87.67 रुपये प्रति लीटर है, जबकि इसका बेस प्राइस 56.03 रुपये है। बाकी का हिस्सा टैक्स और ड्यूटी में चला जाता है। डीजल की कीमत का विवरण इस प्रकार है:

  • बेस प्राइस: ₹56.03
  • बेसिक एक्साइज ड्यूटी: ₹1.8
  • रोड और इंफ्रास्ट्रक्चर सेस: ₹4
  • एग्री इंफ्रा सेस: ₹2
  • स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी: ₹8
  • कमीशन: ₹3.82
  • VAT: ₹12.05

कुल कीमत: ₹87.67

यहाँ भी देखा जा सकता है कि डीजल की कीमत का करीब ₹31.64 टैक्स और ड्यूटी के रूप में चला जाता है।

टैक्स और ड्यूटी का असर

  1. पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ी: हाल ही में केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी ₹2 प्रति लीटर बढ़ा दी है।
  2. सीधे असर का नहीं होना: सरकार का कहना है कि उपभोक्ताओं पर इसका सीधा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन इससे सरकार को अतिरिक्त आमदनी होगी।
  3. गैस सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि: रसोई गैस का सिलेंडर भी महंगा हुआ है, खासकर उज्ज्वला योजना के तहत। दिल्ली में उज्ज्वला सिलेंडर की कीमत अब ₹553 है, जो पहले ₹503 थी।
  4. बिना सब्सिडी वाला सिलेंडर महंगा: बिना सब्सिडी वाला सिलेंडर अब ₹853 का मिलेगा, जबकि इसका बाजार भाव ₹1028.5 रुपये है।

केंद्र और राज्य सरकारों का राजस्व

आपको बता दें कि सरकार द्वारा लगाए गए टैक्सों का बड़ा हिस्सा केंद्र सरकार के पास जाता है, और यह राज्य सरकारों के साथ साझा नहीं किया जाता है। इसके अलावा, कई बार केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर पेट्रोल और डीजल की कीमतों से भारी राजस्व अर्जित किया है। उदाहरण के तौर पर, नवंबर 2014 और जनवरी 2016 के बीच सरकार ने 9 बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई थी, जिससे भारी राजस्व आया, भले ही कच्चे तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में गिर गई थीं।

क्या राहत मिल सकती है?

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि टैक्स में कुछ राहत दी जाए, तो पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम हो सकती हैं, जिससे महंगाई पर भी काबू पाया जा सकता है। लेकिन सरकार का कहना है कि ये टैक्स और ड्यूटी का पैसा इंफ्रास्ट्रक्चर और सब्सिडी जैसी आवश्यक योजनाओं के लिए उपयोग किया जाता है।

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में टैक्स और ड्यूटी का बहुत बड़ा योगदान है। इस समय सरकार को इन टैक्सों से भारी आमदनी हो रही है, जो कई सरकारी योजनाओं के लिए खर्च की जाती है। हालांकि, अगर सरकार टैक्स कम करती है तो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में राहत मिल सकती है, जिससे आम जनता को फायदा होगा।

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