सरकार ने गुरुवार को संसद को बताया कि संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में 25 और सऊदी अरब में 11 भारतीय नागरिकों को मौत की सजा सुनाई गई है, लेकिन फैसले पर अभी अमल नहीं हुआ है। स्थानीय भारतीय मिशन के पास उपलब्ध अनौपचारिक जानकारी का हवाला देते हुए, सरकार ने यह भी बताया कि 2020-2024 के बीच यूएई में किसी भी भारतीय नागरिक को फांसी नहीं दी गई।
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में विदेशी जेलों में बंद भारतीयों विषय पर एक प्रश्न का लिखित उत्तर देते हुए कहा कि विदेश मंत्रालय के पास उपलब्ध सूचना के अनुसार, वर्तमान में विदेशी जेलों में विचाराधीन कैदियों सहित भारतीय कैदियों की संख्या 10,152 है।
देश-वार सूची का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि कई देशों में प्रचलित सख्त गोपनीयता कानूनों के कारण, स्थानीय अधिकारी कैदियों के बारे में जानकारी तब तक साझा नहीं करते हैं जब तक कि संबंधित व्यक्ति ऐसी जानकारी के प्रकटीकरण के लिए सहमति न दे। उन्होंने कहा कि यहां तक कि जो देश जानकारी साझा करते हैं, वे भी आम तौर पर कैद में विदेशी नागरिकों के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं देते।
मंत्री ने बताया कि सरकार विदेशी जेलों में बंद भारतीय नागरिकों सहित विदेशों में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा, संरक्षा और कल्याण को उच्च प्राथमिकता देती है। विदेशों में स्थित भारतीय मिशन/केंद्र सतर्क रहते हैं और स्थानीय कानूनों के उल्लंघन/कथित उल्लंघन के लिए विदेशी देशों में भारतीय नागरिकों को जेल में डाले जाने की घटनाओं पर बारीकी से नजर रखते हैं।
कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा, जैसे ही किसी भारतीय नागरिक की हिरासत/गिरफ्तारी की सूचना भारतीय मिशन/केंद्र को मिलती है, तो वह तुरंत स्थानीय विदेश कार्यालय और अन्य संबंधित स्थानीय प्राधिकारियों से संपर्क करता है ताकि हिरासत में लिए गए/गिरफ्तार भारतीय नागरिक तक कांसुलर पहुंच बनाई जा सके, मामले के तथ्यों का पता लगाया जा सके, उसकी भारतीय राष्ट्रीयता की पुष्टि की जा सके और उसका कल्याण सुनिश्चित किया जा सके।
विदेश मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत विवरण के अनुसार, 2024 में सात भारतीय नागरिकों – कुवैत और सऊदी अरब में तीन-तीन और जिम्बाब्वे में एक – को या तो फांसी दी गई या मृत्युदंड दिया गया। जिन भारतीय नागरिकों को मृत्युदंड दिया गया है, लेकिन अभी तक उस फैसले को लागू नहीं किया गया है, उनमें यूएई में 25, सऊदी अरब में 11, मलेशिया में छह, कुवैत में तीन और इंडोनेशिया, कतर, यूएसए और यमन में एक-एक व्यक्ति शामिल हैं।
सिंह ने अपने जवाब में कहा, विदेश स्थित भारतीय मिशन/केंद्र उन भारतीय नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करते हैं, जिन्हें विदेशी अदालतों द्वारा मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है। भारतीय मिशन/केंद्र जेलों का दौरा करके कांसुलर पहुंच भी प्रदान करते हैं, अदालतों, जेलों, सरकारी अभियोजकों और अन्य संबंधित एजेंसियों के साथ उनके मामलों को आगे बढ़ाते हैं। जेल में बंद भारतीय नागरिकों को अपील, दया याचिका आदि दायर करने सहित विभिन्न कानूनी उपायों में भी सहायता प्रदान की जाती है।