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China का आरोप, अमेरिकी सरकार 2009 से हुआवेई सर्वर में कर रही हैकिंग

हांगकांगः प्रौद्योगिकी को लेकर अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच, बीजिंग ने वाशिंगटन पर 2009 से हुआवेई के सर्वर को हैक करने और महत्वपूर्ण डेटा चुराने के लिए साइबर हमले करने का आरोप लगाया है। मीडिया ने यह जानकारी दी। निक्केई एशिया के अनुसार, चीन के राज्य सुरक्षा मंत्रलय ने अपने आधिकारिक वीचैट अकाउंट पर पोस्ट किया, इसमें ‘साइबर जासूसी और चोरी में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के प्रमुख घृणित तरीकों‘ का खुलासा किया गया। पोस्ट में अमेरिकी सरकार पर हुआवेई सर्वर को हैक करने का आरोप लगाया गया।

पोस्ट में लिखा है, ‘2009 में, टेलर्ड एक्सेस ऑपरेशंस के कार्यालय ने हुआवेई के मुख्यालय में सर्वर में घुसपैठ करना शुरू कर दिया और इस तरह के निगरानी अभियान जारी रखे।‘ अमेरिकी विदेश विभाग ने अभी तक चीनी आरोप पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

पोस्ट में आगे कहा गया कि चीन के राष्ट्रीय कंप्यूटर वायरस आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र ने सेकंड डेट नामक स्पाइवेयर निकाला। सेकंड डेट मैलवेयर ‘अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी द्वारा विकसित साइबर-जासूसी मैलवेयर है, जो दुनिया भर के कई देशों में हजारों नेटवर्क में गुप्त रूप से संचालित होता है।‘ मंत्रालय ने पोस्ट में कहा, ‘इस स्पाइवेयर के साथ, अमेरिका ने हजारों उपकरणों पर नियंत्रण हासिल कर लिया था और बड़ी मात्र में उच्च-मूल्य डेटा चुरा लिया था।‘ अमेरिका और चीन के बीच बढ़ती प्रतिद्वंद्विता के बीच, इस महीने की शुरुआत में, अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने खुलासा किया कि जो बाइडेन सरकार मेट 60 प्रो स्मार्टफोन में इस्तेमाल किए गए नए, मेड इन चाइना हुआवेई चिपसेट के बारे में अधिक जानना चाहती है।

बाद में, शी जिनपिंग सरकार ने अधिकारियों को काम पर ऐप्पल आईफोन का उपयोग करने से रोक दिया। सरकार ने बाद में यू-टर्न लेते हुए कहा कि वह ऐप्पल सहित सभी विदेशी उपकरणों को देश में लोगों द्वारा उपयोग जारी रखने की अनुमति देती है। अब, अमेरिकी वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो ने कहा है कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि चीनी समूह हुआवेई बड़े पैमाने पर उन्नत अर्धचालक वाले स्मार्टफोन का उत्पादन कर सकती है।

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