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China : यूक्रेन संकट के राजनीतिक समाधान का द्वार बंद नहीं होना चाहिए

संयुक्त राष्ट्र स्थित चीन के स्थायी प्रतिनिधिमंडल के अंतरिम चार्ज डी अफेयर्स ताइ पिंग ने 23 फरवरी को संयुक्त राष्ट्र महासभा के यूक्रेन मुद्दे पर आपातकालीन विशेष सम्मेलन में कहा कि चाहे यह कितना भी मुश्किल क्यों न हो, राजनीतिक समाधान का द्वार बंद नहीं किया जा सकता है। जल्द से जल्द युद्धविराम और युद्ध की समाप्ति को बढ़ाना वर्तमान की शीर्ष प्राथमिकता है और हथियारों की डिलीवरी से शांति नहीं आएगी।

ताइ पिंग ने कहा कि यूक्रेन संकट को हल करने के लिए बातचीत और वार्ता ही एकमात्र व्यवहार्य तरीका है। संकट की शुरुआत में, रूस और यूक्रेन ने कई दौर की वार्ता की और महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की। अफसोस की बात है कि शांति वार्ता टूट गई। इसके कारणों पर गहन चिंतन करने की जरूरत है। लेकिन इतिहास के सबक बताते हैं कि संकट कितना भी गहरा क्यों न हो, अंतिम विश्लेषण में उसका शांति से समाधान जरूर होना चाहिए। यह कितना भी कठिन क्यों न हो, राजनीतिक समाधान का द्वार बंद नहीं किया जाना चाहिए। चीन रूस और यूक्रेन का एक-दूसरे से मिलने, जल्द से जल्द सीधी वार्ता फिर से शुरू करने, वार्ता में वैध चिंताओं को शामिल करने, व्यवहार्य विकल्पों को मेज पर रखने के लिए समर्थन करता है, ताकि संकट से बाहर निकलने और जल्द से जल्द शांति बहाल करने का मौका मिल सके।

ताइ पिंग ने यह भी कहा कि चीन एक बार फिर संघर्ष से जुड़े पक्षों से तर्कसंगत रहने और संयम रखने की अपील करता है, ताकि स्थिति को और अधिक बिगड़ने से रोका जा सके। संघर्ष से जुड़े पक्षों को अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का सख्ती से पालन करते हुए आम नागरिकों और नागरिक सुविधाओं पर हमला करने से बचना चाहिए, महिलाओं, बच्चों समेत संघर्ष के पीड़ितों की रक्षा करनी चाहिए और युद्ध के कैदियों के मूल अधिकारों का सम्मान करना चाहिए। सभी पक्षों को परमाणु सुरक्षा संधि का सख्ती से पालन करते हुए मानव निर्मित परमाणु दुर्घटनाओं से बचना चाहिए।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

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