चीन : मानवाधिकार का संरक्षण सिर्फ नारा नहीं है

मानवाधिकार हर किसी का अंतर्निहित अधिकार है और मानवाधिकारों का सम्मान करना आधुनिक सभ्यता की पहचान है। पर जो देश मानवाधिकार संरक्षण के नारे जोर-जोर से चिल्लाते हैं, यह जरूरी नहीं कि वे मानवाधिकारों की रक्षा में अच्छा काम करें। उधर, नये चीन की स्थापना बाद से, विशेष रूप से सुधार और खुलेपन की नीति.

मानवाधिकार हर किसी का अंतर्निहित अधिकार है और मानवाधिकारों का सम्मान करना आधुनिक सभ्यता की पहचान है। पर जो देश मानवाधिकार संरक्षण के नारे जोर-जोर से चिल्लाते हैं, यह जरूरी नहीं कि वे मानवाधिकारों की रक्षा में अच्छा काम करें। उधर, नये चीन की स्थापना बाद से, विशेष रूप से सुधार और खुलेपन की नीति अपनाने के बाद से, चीन ने मानवाधिकारों के विकास में विश्व-प्रसिद्ध उपलब्धियां हासिल की हैं और दुनिया में मानवाधिकारों के विकास में महान योगदान दिया है।

मानवाधिकारों की सुरक्षा और विकास का अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक व्यवस्था की स्थिति से गहरा संबंध है। पश्चिम में कुछ व्यक्ति हमेशा दूसरे देशों के मानवाधिकारों को कृपालु नजरिए से देखते हैं। वे “नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था” के नाम पर दूसरे देशों की मानवाधिकार नीतियों की मनमाने ढंग से आलोचना करते हैं, लेकिन उनके कुछ कार्य अन्य देशों के लोगों के मानवाधिकारों को कुचलने वाले हैं। उधर, चीन अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार मुद्दे के रखरखाव और विकास का दृढ़ता से समर्थन करता है और मानव जाति के साझा भविष्य वाले समुदाय के ढांचे के भीतर दुनिया में स्थायी शांति की प्राप्ति पर जोर देता है, ताकि सभी लोगोंं के बुनियादी मानवाधिकारों की रक्षा की जा सके।

अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार मुद्दे के लिए चीन का समर्थन कभी भी एक नारा नहीं रहा, बल्कि “ब्रिक्स तंत्र” और “शांघाई सहयोग संगठन” के ढांचे के भीतर सहयोग की एक श्रृंखला रही है। उदाहरण के लिए, ब्रिक्स विकास बैंक, जो मुख्य रूप से चीन द्वारा समर्थित है, ने भारत सहित दक्षिण एशियाई देशों में बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए भारी मात्रा में धन उपलब्ध कराया है, और स्थानीय लोगों की जीवन स्थितियों में सुधार के लिए ठोस सहायता प्रदान की है। चीन का सतत रुख है कि मानवाधिकारों का संरक्षण आर्थिक विकास, सुरक्षा, शिक्षा और चिकित्सा देखभाल जैसी बुनियादी जीवन स्थितियों के सुधार में प्रतिबिंबित किया जाना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय संघर्षों और हॉट-स्पॉट मुद्दों के प्रति चीन ने हमेशा शांति और बातचीत को बढ़ावा देने तथा मध्यस्थ रुख अपनाने की वकालत की है। चीन सक्रिय रूप से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का समर्थन करता है और अंतरराष्ट्रीय मामलों में संयुक्त राष्ट्र की मुख्य भूमिका का समर्थन करता है।

चीन दुनिया भर के 140 से अधिक देशों और क्षेत्रों का मुख्य व्यापारिक भागीदार है। चीन ने लगातार कई वर्षों से विश्व अर्थव्यवस्था की वृद्धि में 30% से अधिक का योगदान दिया है। “बेल्ट एंड रोड” का निर्माण करने से संबंधित देशों को हर साल 1.6 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का लाभ मिलता, और लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला जा सकता है। ये दुनिया में मानवाधिकारों के लिए सबसे व्यावहारिक समर्थन हैं। चीन की “मानव जाति के लिए साझा भविष्य वाले समुदाय” की अवधारणा का मतलब किसी देश की स्थिति को बदलना नहीं है, बल्कि दुनिया के स्थिर विकास को बढ़ावा देना है। चीन के द्वारा अत्यधिक गरीबी को खत्म करने, सामाजिक समानता को बढ़ावा देने और कमजोर समूहों के अधिकारों की रक्षा करने के क्षेत्रों में प्राप्त की गई सफलताओं ने विकासशील देशों को “चीन की राह” विकल्प प्रदान किया है।  

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग) 

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