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China ने Japan से वैज्ञानिक, खुले, पारदर्शी और सुरक्षित तरीके से परमाणु दूषित पानी का निपटान करने का किया आग्रह

रिपोर्ट के अनुसार जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा कि जापान इस वर्ष वसंत से गर्मियों तक फुकुशिमा परमाणु दूषित पानी को समुद्र में छोड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि फुकुशिमा के पुनर्निर्माण को साकार करने के लिए यह समय टाला नहीं जा सकता। इस पर चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने 6 मार्च को आयोजित नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चीन ने संबंधित रिपोर्टों पर ध्यान दिया है और चीन इसके बारे में गंभीर रूप से चिंतित है। चीन, दक्षिण कोरिया, डीपीआरके, रूस और जापान के अन्य पड़ोसी देशों के साथ-साथ प्रशांत द्वीप देशों ने परमाणु दूषित पानी को समुद्र में छोड़ने की जापान की योजना पर बार-बार चिंता और कड़ा विरोध व्यक्त किया है।

इस बात पर जोर दिया जाना चाहिए कि सामान्य अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र समुद्र के कानून संधि के अनुसार, जापान पर्यावरण प्रदूषण से बचने, जोखिमों को कम करने, प्रभावित देशों के साथ पूरी तरह से परामर्श करने, सूचना पारदर्शिता सुनिश्चित करने और अंतरराष्ट्रीय सहयोग करने का दायित्व है। माओ निंग ने कहा कि हम एक बार फिर जापान से सभी पक्षों की वैध चिंताओं का सामना करने, ईमानदारी से अपने दायित्वों को पूरा करने, हितधारकों और संबंधित अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ पूरी तरह से परामर्श करने और वैज्ञानिक, खुले, पारदर्शी और सुरक्षित तरीके से परमाणु-दूषित पानी का निपटान करने का आग्रह करते हैं।

(वनिता)

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