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डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में अहम हैं चीन-अमेरिका के रिश्ते, व्यापार से वैश्विक राजनीति तक होगा असर

अमेरिका और चीन के रिश्तों पर हमेशा से ही पूरी दुनिया की नजर रहती है, 2025 में अमेरिका में राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप की दूसरी पारी शुरू हुई।

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अमेरिका और चीन के रिश्तों पर हमेशा से ही पूरी दुनिया की नजर रहती है, 2025 में अमेरिका में राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप की दूसरी पारी शुरू हुई तो सबकी नजरे चीन और अमेरिका के रिश्तों पर भी हैं। क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल के साथ कई नीतियों का ऐलान किया है, जिसका असर वैश्विक स्तर पर दिख रहा है, जिसमें चीन और भारत से जैसे एशिया के सबसे अहम देश भी शामिल हैं।

ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल का वैश्विक राजनीति में व्यापार, सुरक्षा और अर्थव्यवस्था जैसे मुद्दे पर क्या असर पड़ेगा यह भी देखा जा रहा है। लेकिन जिस तरह से डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने सकारात्मक रुख दिखाया है, उससे उम्मीद की जा रही है कि दोनों देशों के बीच इस बार संबंध उपयोगी होंगे, क्योंकि चीन और अमेरिका को भी कई मुद्दों पर एक साथ काम करने की जरुरत हैं जो वैश्विक स्तर पर भी उपयोगी साबित होगा।
‘चीन से अच्छे रिश्ते चाहता है अमेरिका’

अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप का दूसरा कार्यकाल केवल अमेरिका ही नहीं बल्कि दुनिया के लिहाज से भी अहम माना जा रहा है। यही वजह है कि जब डोनाल्ड ट्रंप ने अपने एक बयान में कहा था कि ‘अमेरिका चीन से अच्छे रिश्ते चाहता है, ट्रंप ने कहा कि उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग को फोन भी किया था, जबकि शी चिनफिंग ने भी उन्हें दूसरी बार राष्ट्रपति बनने पर बधाई दी थी। ‘ माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच भविष्य के लिहाज से आने वाले चार से पांच सालों में वैश्विक राजनीति, व्यापार, और सुरक्षा पर महत्वपूर्ण असर होगा, क्योंकि चीन से रिश्ते बेहतर करने वाला डोनाल्ड ट्रंप का बयान अहम हैं जो वैश्विक स्तर पर चीन की अहमियत को बताता है।

व्यापारिक मुद्दे पर चीन और अमेरिका में बनेगी सहमति !

डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में चीन से अपने पहले बयान पर यही कहा था कि चीन के साथ पिछले कुछ समय में हमारे व्यापारिक संबंध घाटे में रहे हैं जिन्हें अब चीन और अमेरिका मिलकर संवारेगा। यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि अमेरिका वैश्विक स्तर पर चीन की व्यापारिक अहमियत को समझता है इसलिए अब अमेरिका चीन के साथ मिलकर इस दिशा में काम कर सकता है, खासकर तब जब अमेरिका भी अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में जुटा है, इन हालातों में अमेरिका चीन के साथ अपने व्यापारिक रिश्तों को मजबूती देना चाहता है, यही वजह है कि दोनों देशों के राष्ट्रध्यक्षों के बीच शुरुआती दौर की बातचीत में ही मजबूती दिखी है।

भारत और चीन एशिया की बड़ी ताकत

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस बात को बखूबी जानते हैं कि चीन और भारत दोनों ही देश एशिया की बड़ी ताकते हैं, जबकि दोनों ही देशों के बीच हाल फिलहाल में संबंधों में और भी गहराई दिखी है, जो न केवल व्यापारिक, बल्कि राजनीतिक और सुरक्षा की दृष्टि से भी अहम हैं, क्योंकि चीन और भारत के रिश्ते जितने ज्यादा मजबूत होंगे उसका उतना ही असर भी होता है, क्योंकि एशिया की दो शक्तियां जब एक साथ होती है तो यह मजबूती से काम करती हैं, ऐसी स्थिति में अमेरिका भी दोनों ही देशों के साथ अपने संबंध मजबूत रखने पर ही जोर देगा। क्योंकि ट्रंप के पहले कार्यकाल का ज्यादा अच्छा रिस्पॉन्स चीन के लिए रहा नहीं था, लेकिन अपने दूसरे कार्यकाल में उन्होंने जिस तरह से चीन के साथ अपने संबंध सुधारने की बात कही है, उससे दोनों देशों के बीच जमी हुई बर्फ पिघलेगी जरूर।

संतुलन बनाकर चल सकते हैं चीन और अमेरिका

विदेशी मामलों के जानकारों का भी मानना है कि चीन और अमेरिका के बीच विदेश नीति और आर्थिक रणनीतियों में संतुलन बनना जरूरी है, क्योंकि यह दोनों देशों के साथ-साथ वैश्विक स्तर के लिहाज से भी जरुरी है। चीन आज के वक्त में एशिया के साथ-साथ दुनिया में एक बड़ी सैन्य शक्ति बन चुका है, जबकि चीन की आर्थिक व्यवस्था भी मजबूत हुई है और व्यापार के मामले में चीन ने एशिया के साथ-साथ अफ्रीकी देशों से भी अपने संबंध मजबूत किए हैं, ऐसे में अमेरिका भी चीन की नीतियों का स्वागत कर सकता है। चीन और अमेरिका के बीच मानवाधिकार और लोकतांत्रिक मानकों पर भी पहले बहस जारी रही है, लेकिन अब अब यहां भी रिश्तों में मजबूती आ सकती है, क्योंकि दोनों ही राष्ट्र संयुक्त राष्ट्र संगठन के स्थायी सदस्य हैं, ऐसे में लंबे और मजबूत रिश्तों के लिए संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठनों में भी दोनों देशों के बीच सहमति बननी जरूरी है।

जाहिर चीन के साथ रिश्तों की अहमियत अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समझ रहे हैं, वह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अच्छे दोस्त माने जाते हैं, जबकि हाल के दिनों में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और भारतीय पीएम मोदी के बीच के संवाद समन्व्यय अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने जरूर देखा है, ऐसे में चीन और अमेरिका वैश्विक स्तर पर इस बार मजबूती के साथ काम कर सकते हैं, क्योंकि यह दोनों देशों के व्यापारिक, आर्थिक, सुरक्षा और वैश्विक स्तर को मजबूती देगा।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग) (लेखक—दिव्या तिवारी)

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