विज्ञापन

चीन का वैश्विक अर्थव्यवस्था में अहम योगदान, विकास और खुलेपन की नीतियों से दुनियाभर को फायदा 

वैश्विक अर्थव्यवस्था के हिसाब से साल 2024 भी उधल-पुथल भररा रहा है, जहां दुनिया के कई देशों ने अलग-अलग मोर्चों पर संघर्ष किया है, जिसका असर दुनिया की आर्थिक अर्थव्यवस्था पर भी दिखा है। चीन के नजरिए से भी यह साल अहम रहा है, जहां चीन जैसे बड़े देश ने अलग-अलग मोर्चों पर खुद को.

- विज्ञापन -

वैश्विक अर्थव्यवस्था के हिसाब से साल 2024 भी उधल-पुथल भररा रहा है, जहां दुनिया के कई देशों ने अलग-अलग मोर्चों पर संघर्ष किया है, जिसका असर दुनिया की आर्थिक अर्थव्यवस्था पर भी दिखा है। चीन के नजरिए से भी यह साल अहम रहा है, जहां चीन जैसे बड़े देश ने अलग-अलग मोर्चों पर खुद को साबित किया है, 28 फरवरी को चीन के राष्ट्रीय आर्थिक और सामाजिक विकास पर सांख्यिकीय 2024 की विज्ञप्ति जारी की गई है, जिसका असर मिला-जुला देखने को मिला है। हालांकि अर्थव्यवस्था के लिहाज से चीन के लिए यह साल (2024) पिछले गुजरे कुछ सालों के मुताबिक अच्छा रहा है। जहां चीन ने अपने कई क्षेत्रों की जीडीपी में बढ़ोत्तरी की है, इसी तरह चीन ने जल, परमाणु और उर्जा के मामले में भी बढ़ोत्तरी की है। जो साल 2025 के लिहाज से चीन के लिए अच्छे संकेत हैं। चीन की अर्थव्यवस्था के लिहाज से 2025 का साल अहम होने वाला है। 

चीन के हिसाब से 2024 का साल 

चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो की तरफ से 2024 का राष्ट्रीय आर्थिक और सामाजिक विकास पर सांख्यिकीय बुलेटिन जारी किया है। प्रारंभिक अनुमानों के मुताबिक चीन का सकल घरेलू उत्पाद के प्रति 10,000 युआन पर राष्ट्रीय ऊर्जा खपत में रहा है। इसके अलावा साल 2024 में चीन ने सभी तरह की उर्जा से 37126 बिलियन किलोवाट घंटा बिजली बनाई है। जो साल 2023 की तुलना में 16।4 प्रतिशत ज्यादा है। चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के उप महानिदेशक शेंग लाइयुन ने बताया कि पर्यावरण की स्थिति के हिसाब से चीन चला है, जहां चीन ने हरित विस्तार को तेजी से बढ़ावा दिया है, जबकि अर्थव्यवस्था के हिसाब भी चीन तेजी से आगे बढ़ा है। साल 2024 चीन के लिए मिला-जुला साबित हुआ है, जहां बहुत हद तक यह साल सकारात्मक संतोषजनक रहा। 

2025 में चीन तेज विकास की रफ्तार पकड़ना चाहेगा 

चीन विश्व अर्थव्यवस्था बहुत महत्वपूर्ण भूमिका में रहता है, जिस तरह से चीन ने 2024 में कई क्षेत्रों में सफलता हासिल की है, उससे चीन की अर्थव्यवस्था तो मजबूत हुई ही है साथ ही वैश्विक आर्थिक सुधार में चीन ने बड़ा रोल निभाया है। विश्व व्यापार और शेयर बाजार पूंजीकरण में अब चीन की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत के करीब है, जबकि जीडीपी में करीब 18 प्रतिशत रही है और विश्व की तेल मांग में चीन विश्व की व्यापक मुद्रा में एक चौथाई से अधिक यानी 16 प्रतिशत पर रहा है। चीन दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक राष्ट्र है, जो बड़ा निर्यातक और बड़ा आयातक है, ऐसे में 2025 में भी चीन और तेज रफ्तार पकड़ना चाहेगा। 

उच्च गुणवत्ता और नवाचार पर चीन का फोकस 

आर्थिक सुधारों के लिहाज से चीन अब उच्च गुणवत्ता वाले विकास पर फोकस कर रहा है। यही वजह है कि चीन का बाजार पूरी दुनिया के खुला है, जबकि उसने अपने नागरिकों को अपना खुद का व्यापार शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया है और व्यापार की नीतियों में कई बदलाव किए हैं, जिससे चीन की अर्थव्यवस्था हाल के दशकों में उल्लेखनीय रूप से विकसित हुई है और यह अब वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में एक प्रमुख शक्ति बन चुकी है। बाहरी दुनिया के लिए चीन का खुलापन और उच्च गुणवत्ता वाला विकास उसकी आर्थिक नीतियों, नवाचार और वैश्विक सहयोग के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। चीन अब कम लागत वाली विनिर्माण अर्थव्यवस्था से हटकर उच्च तकनीकी नवाचार और अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जहां 5G, AI और इलेक्ट्रिक वाहनों में चीन तेजी से काम कर रहा है और उसने दूसरे देशों के लिए भी इसमें मदद की है। 

चीन 2025 में हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ना चाहेगा, एक तरफ वह टेक्नालॉजी पर फोकस कर रहा है तो दूसरी तरफ चीन अब पर्यावरणीय स्थिरता को प्राथमिकता दे रहा है, जहां सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास में निवेश से यह दुनिया का सबसे बड़ा हरित ऊर्जा उत्पादक बन गया है। इसके अलावा चीन की अर्थव्यवस्था अब केवल निर्यात पर निर्भर नहीं है, बल्कि घरेलू खपत और सेवा क्षेत्र को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। यह मध्यम वर्ग के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है। जिससे यह कहा जा सकता है कि चीन अपनी आर्थिक नीतियों को और अधिक लचीला बना रहा है, जिससे यह वैश्विक बाजारों के साथ बेहतर तालमेल बैठा सके, हाल ही में, डिजिटल युआन (e-CNY) और स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग जैसी पहलें इसकी अर्थव्यवस्था को नई दिशा दे रही हैं। 

2024 चीन के लिहाज से एक उपयोगी साल रहा है तो 2025 को हम उसे संभावनाओं का साल कह सकते हैं। क्योंकि चीन अपनी अर्थव्यवस्था को वैश्विक बाजारों के लिए तेजी से खोल रहा है, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और दूसरे देशों का भी विश्वास बढ़ेगा। कुल मिलाकर, 2025 में चीन की अर्थव्यवस्था का वैश्विक बाजारों के लिए खुलापन, तकनीकी नवाचार और हरित ऊर्जा में निवेश जैसी पहलें संभावित विकास के मार्ग तेजी से खोलेगी।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)  (लेखक—दिव्या तिवारी)

Latest News