1970 और 80 के दशक में आर्थिक सुधारों को अपनाते वक्त चीन के तत्कालीन नेता तंग श्याओफिंग ने कहा था, “पहले कुछ लोगों को अमीर बनने देना होगा”। इसमें न केवल आर्थिक सुधार में सबसे आगे रहने वाले पूर्वी तट क्षेत्रों का जिक्र था, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की कीमत पर शहरी क्षेत्रों के विकास का भी जिक्र था। इसका असर चीन को आर्थिक सुधारों के रूप में तो मिला, लेकिन ग्रामीण इलाकों को पर्यावरणीय नुकसान और प्रतिभा पलायन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा। इसका असर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच बढ़ती आर्थिक असमानता के रूप में दिखा। आज चीन की शहरी आबादी की आय ग्रामीणों से करीब लगभग 2.65 गुना अधिक है। इसे देखते हुए चीन अब ग्रामीण क्षेत्रों के पुनरूद्धार के लिए आर्थिक रणनीति पर ना सिर्फ आगे चलने की कोशिश कर रहा है, बल्कि ग्रामीण इलाकों की गरीबी उन्मूलन और पर्यावरण संरक्षण जैसी समस्याओं को भी दूर करने की कोशिश कर रहा है।
चीन सरकार ने इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। ग्रामीण पुनरोद्धार कार्यक्रम को तेजी से बढ़ाने के लिए इस क्षेत्र में विदेशी निवेशकों के लिए भी सहूलियतें बढ़ाने लगा है। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को लेकर पहली बार 2017 में 19वीं पार्टी कांग्रेस में ग्रामीण पुनरोद्धार रणनीति पेश की। तब से लेकर अब तक, इस रणनीति में कई सुधार किए चा चुके हैं।
ग्रामीण पुनरोद्धार रणनीति के दो दीर्घकालिक लक्ष्य हैं। पहला है, 2035 तक निर्णायक प्रगति हासिल करना और दूसरा है, 2050 तक समृद्ध किसानों और मजबूत कृषि क्षेत्रों को पुनर्जीवित करना। इसके तहत छोटी जोत वाले किसानों को आधुनिक खेती और कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिसके जरिए किसानों के संपत्ति अधिकारों में भी सुधार किया जा रहा है।
इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया फरवरी 2022 में, जब चीन की राज्य परिषद और कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति ने संयुक्त रूप से वार्षिक नंबर जारी किया। इस दौरान दस्तावेज नंबर एक जारी किया गया है, जिसे ग्रामीण पुनरूद्धार की नीतियों का निर्णायक दस्तावेज कहा जा सकता है। इस वर्ष के नंबर 1 दस्तावेज़ में महिलाओं और बच्चों के उपचार, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना और गरीबी उन्मूलन में पिछड़ने से बचना जैसे सामाजिक मुद्दों पर जोर दिया गया है। इसमें प्रमुख फसलें उगाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने, उन्हें आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रेरित करने के साथ ही आपदा की रोकथाम मिट्टी और सिंचाई प्रणालियों में सुधार करने का आह्वान किया गया है। ग्रामीण पुनरोद्धार रणनीति में चीन सरकार ने गरीबी उन्मूलन पर पूरा फोकस किया है। जिसके जरिए न्याय संगत विकास पर तो जोर दिया ही गया, अत्यधिक गरीबी को खत्म करना भी रहा। चीन सरकार के अनुसार, देश से अत्यधिक गरीबी 2020 में ही इसी नीति के जरिए खत्म की जा चुकी है।
बहरहाल दस्तावेजों के मुताबिक, छोटे पैमाने के किसानों और कृषि क्षेत्र के बीच कृषि प्रौद्योगिकी और मशीनरी का व्यापक रूप से प्रसार बढ़ा है। इसकी वजह से चीन की डिजिटल कृषि अर्थव्यवस्था 2021 के करीब 94.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़कर 2025 तक 189.8 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है। ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति ठीक करने के साथ ही चीन सरकार ने 2030 से पहले कार्बन उत्सर्जन कम करने और 2060 से पहले कार्बन तटस्थ बनने के लिए प्रतिबद्ध है।
चीन की आबादी 1.4 अरब है। देश में बढ़ती उपभोग माँग के साथ, खाद्य सुरक्षा भी चीन सरकार की प्रमुख चिंता रही है। खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के लिए, नीतियां फसलों के अधिक उत्पादन का आह्वान करती हैं। घरेलू उत्पादन बढ़ाने के अलावा, चीन व्यापार जोखिमों को कम करने के लिए सोयाबीन जैसे प्रमुख कृषि उत्पादों की अपनी सोर्सिंग में विविधता लाने की कोशिश कर रहा है। इसलिए दुनिया भर में कृषि उत्पादों के उत्पादकों को चीन के साथ व्यापार करने के नए अवसर मिल सकते हैं, खासकर उन उत्पादों के लिए जिनके लिए चीन वर्तमान में कुछ देशों पर निर्भर है।
(लेखक—- उमेश चतुर्वेदी)