चीन के दो सत्र दुनिया को आत्मविश्वास और विकास की जीवन शक्ति हैं दिखाते

चीन के महत्वपूर्ण राजनीतिक वार्षिक दो सत्र यानी एनपीसी और सीपीपीसीसी की सभा 4 से 11 मार्च तक पेइचिंग के ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल्स में आयोजित हुई। यह महत्वपूर्ण राजनीतिक सीज़न वैश्विक विकास में नई गति लाते हुए देश को एक महान आधुनिक समाजवादी देश बनाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले विकास को लगातार.

चीन के महत्वपूर्ण राजनीतिक वार्षिक दो सत्र यानी एनपीसी और सीपीपीसीसी की सभा 4 से 11 मार्च तक पेइचिंग के ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल्स में आयोजित हुई। यह महत्वपूर्ण राजनीतिक सीज़न वैश्विक विकास में नई गति लाते हुए देश को एक महान आधुनिक समाजवादी देश बनाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले विकास को लगातार बढ़ावा देने के लिए नए मिशनों पर प्रकाश डालता है। ऐसा भी कहा जा सकता है कि चीन के दो सत्र दुनिया को आत्मविश्वास और विकास की जीवन शक्ति दिखाते हैं।

इस साल प्रधानमंत्री ली छ्यांग ने अपनी पहली वर्क रिपोर्ट पेश की जिसमें GDP का लक्ष्य 5% रखा गया है यह पिछले साल पेश की गई वर्क रिपोर्ट की तुलना में कम है जो 5.2% पेश की गई थी, तो जाहिर तौर पर यह इस साल चीन के लिए रखा गया एक व्यावहारिक लक्ष्य है और उम्मीद है कि चीन इसे इस साल हासिल कर लेगा। जहां तक ​​वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव का सवाल है, दुनिया के अधिकांश हिस्सों में महामारी के बाद आर्थिक मंदी देखी गई है और अधिकांश अर्थव्यवस्थाएं इससे उबरने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं। तथ्य यह है कि वैश्विक विकास का अधिकांश हिस्सा चीनी विकास दर के कारण हुआ, चीन की 5 प्रतिशत की विकास दर को वैश्विक विकास दर में भी योगदान देना चाहिए। और यह विशेष रूप से इसलिए है क्योंकि चीन दुनिया का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार भी है और दुनिया भर में बढ़ते निवेशकों में भी विशेष रूप से शामिल है। 

दो सत्रों के बारे में हमने चीन मामलों के जानकार और नई दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के चीनी भाषा के प्रोफ़ेसर श्री स्वर्ण सिंह का साक्षात्कार किया जिसमें उन्होंने बताया कि “मानव जाति के भविष्य के समुदाय के निर्माण का विचार चीन में एक सतत प्रथा रही है। लेकिन बेल्ट एंड रोड पहल के 10 वर्षों के बाद, लगभग 1.5 ट्रिलियन डॉलर का निवेश, चीनी नेताओं ने शायद यह समझना शुरू कर दिया है कि उन्हें वित्तीय प्रशासन या दुनिया भर में अर्थव्यवस्था को कैसे बढ़ाया जाए, इस पर वैश्विक आख्यानों में भी भाग लेने और प्रभावित करने की आवश्यकता है, इसलिए राष्ट्रपति शी चिनफिंग की वैश्विक सभ्यता पहल, वैश्विक विकास पहल, वैश्विक सुरक्षा पहल की नई पहल मूल रूप से विभिन्न क्षेत्रों में वैश्विक शासन का मार्गदर्शन करने वाले टेम्पलेट्स के वैश्विक आख्यानों में भाग लेने का एक प्रयास है।”

इसके साथ ही चीनी प्रधानमंत्री द्वारा प्रस्तुत की गई वर्क रिपोर्ट में इस बार आगामी टेक्नोलॉजी, जीव विज्ञान और आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस जैसे मुद्दों का ज़िक्र भी किया गया है यह समझा जा सकता है क्योंकि चीन पिछले कई वर्षों से इन क्षेत्रों में दुनिया में अपना लोहा मनवाता रहा है, इसके अलावा निर्माण के क्षेत्र में, सस्ते और किफ़ायती सामान, भी मुहैया करता रहा है और अब चीनी अर्थव्यवस्था मैन्युफ़ेच्टरिंग और सर्विस सेक्टर में भी अपनी बढ़त बनाए हुए है इसी के चलते इन सभी क्षेत्रों में रोबोटिक साइंस को बढ़ावा दे रहा है जिससे प्रोडक्टिविटी में बढ़त मिलेगी, जिससे ना सिर्फ़ चीन के घरेलू उत्पादन और बाज़ार को बल मिलेगा बल्कि दुनिया को भी इसका भरपूर लाभ मिलेगा। यह कहना ग़लत ना होगा कि चीन ने पिछले 40 बरस में जो तरक़्क़ी की है और एक लंबी यात्रा की है और आगे भी निरंतर अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए चीन भविष्य में और भी उन्नत तकनीक के बल पर काम करता रहेगा। यही कारण है जो इस साल इन तकनीकों को भी प्रधानमंत्री ने अपनी वर्क रिपोर्ट में तरजीह दी है।

(रिपोर्टर—देवेंद्र सिंह)

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