Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

चीन के आगामी ‘दो सत्र’ : एजेंडा का विश्लेषण 2025

China Upcoming Two Sessions

China Upcoming Two Sessions : वर्ष 2025 में चीन की दो सत्रों की बैठक (राष्ट्रीय जन कांग्रेस (NPC) और चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन (CPPCC) 3 मार्च से शुरू होगी। यह बैठक चीन की सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाओं में से एक है, जिसमें देश के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण नीतियों और योजनाओं पर चर्चा की जाती है। चीन के सबसे बड़े वार्षिक राजनीतिक कार्यक्रम के रूप में दो सत्र आमतौर पर मार्च की शुरुआत में पेइचिंग में शुरू होते हैं। राष्ट्रीय सांसद और राजनीतिक सलाहकार केंद्र सरकार, एनपीसी स्थायी समिति और न्यायिक अधिकारियों की कार्य रिपोर्ट की समीक्षा करने के लिए पेइचिंग में एकत्रित होंगे। वे देश के महत्वपूर्ण आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श करेंगे, साथ ही लोगों के हितों और राष्ट्र के विकास से संबंधित कानूनों को बनाने या संशोधित करने में भी भाग लेंगे। इस वर्ष के सत्रों में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिनमें चीन का आर्थिक विकास, वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति, और चीन-भारत संबंध शामिल हैं। आइए इन मुद्दों पर एक संक्षिप्त विश्लेषण करें।

2024 में चीन ने महत्वपूर्ण आर्थिक उपलब्धियाँ हासिल की हैं। 2025 में, सरकार का लक्ष्य रोजगार सृजन, आय में वृद्धि, और आर्थिक स्थिरता को बनाए रखना होगा। विशेष रूप से, ग्रामीण क्षेत्रों में विकास और शहरी-ग्रामीण अंतर को कम करने पर जोर दिया जाएगा। तथापि, चीन की अर्थव्यवस्था पिछले कुछ वर्षों में कई चुनौतियों का सामना कर रही है, जिनमें COVID-19 महामारी का प्रभाव, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान, और आंतरिक आर्थिक मांग में कमी शामिल हैं। इस साल के सत्रों में, चीन की सरकार आर्थिक स्थिरता और विकास को बनाए रखने के लिए नई नीतियों और उपायों की घोषणा कर सकती है। विशेष रूप से, “दोहरी परिसंचरण” रणनीति (Dual Circulation Strategy) पर जोर दिया जा सकता है, जो घरेलू मांग और निर्यात को संतुलित करने पर केंद्रित है। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों के विकास और गरीबी उन्मूलन पर भी चर्चा हो सकती है।

चीन ने पिछले कुछ वर्षों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। इस साल के सत्रों में, चीन की सरकार तकनीकी स्वतंत्रता और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं पेश कर सकती है। विशेष रूप से, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), 5G, क्वांटम कंप्यूटिंग, और अंतरिक्ष अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने पर जोर दिया जा सकता है। इसके अलावा, चीन की “मेड इन चाइना 2025″ पहल के तहत उच्च-तकनीक उद्योगों को विकसित करने की योजनाओं पर भी चर्चा हो सकती है। चीन ने हाल के वर्षों में पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास पर अधिक ध्यान केंद्रित किया है। इस साल के सत्रों में, कार्बन उत्सर्जन को कम करने और “कार्बन न्यूट्रल” लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नई नीतियों की घोषणा की जा सकती है। इसके अलावा, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने और प्रदूषण नियंत्रण के उपायों पर भी चर्चा हो सकती है।

COVID-19 महामारी के बाद, चीन की सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं और सामाजिक कल्याण को मजबूत करने पर जोर दिया है। इस साल के सत्रों में, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, बीमा प्रणाली को मजबूत करने, और जनसंख्या की बढ़ती उम्र के साथ निपटने के लिए नई योजनाएं पेश की जा सकती हैं।

चीन और भारत के बीच संबंध पिछले कुछ वर्षों में तनावपूर्ण रहे हैं, विशेष रूप से सीमा विवादों और भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के कारण। इस साल के सत्रों में, चीन की सरकार भारत के साथ संबंधों को सुधारने और स्थिर करने के लिए नई पहल कर सकती है। दोनों देशों के बीच व्यापार और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं पेश की जा सकती हैं। साथ ही, सीमा विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने के लिए कूटनीतिक प्रयासों पर भी चर्चा हो सकती है। हालाकि, दिसंबर 2024 में, चीन और भारत के विशेष प्रतिनिधियों ने पेइचिंग में बैठक की और सीमा विवादों को सुलझाने के लिए छह बिंदुओं पर सहमति व्यक्त की। इनमें सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखना, तीर्थयात्रा और व्यापार को बढ़ावा देना, और राजनयिक व सैन्य संवाद को मजबूत करना शामिल है। इस पृष्ठभूमि में, आगामी दो सत्रों में चीन-भारत संबंधों में सुधार और सहयोग के नए अवसरों पर चर्चा की उम्मीद है।

चीन की दो सत्रों की बैठक इस वर्ष भी कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेगी, जो न केवल चीन के भविष्य को आकार देंगे, बल्कि वैश्विक परिदृश्य को भी प्रभावित करेंगे। आर्थिक विकास, वैज्ञानिक प्रगति, और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों जैसे मुद्दों पर चीन की नीतियां और योजनाएं न केवल एशिया बल्कि पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण होंगी। विशेष रूप से, चीन-भारत संबंधों में सुधार और सहयोग की दिशा में कदम उठाने की संभावना है, जो दोनों देशों और क्षेत्र के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग) (लेखक—देवेंद्र सिंह)

Exit mobile version