Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

सौर ऊर्जा से रोशन हो रहे हैं China के गांव, पर्यावरण हो रहा है स्वच्छ

बीजिंगः आजकल पूरी दुनिया में स्वच्छ ऊर्ज के इस्तेमाल की बात की जा रही है। क्योंकि जीवाश्म ईंधन से हमारे पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंच रहा है। ऐसे में पर्यावरण विशेषज्ञ अधिक से अधिक पुनरूत्पादित ऊर्ज का प्रयोग किए जाने पर ज़ोर दे रहे हैं। हाल के वर्षों में कुछ देशों ने इस दिशा में गंभीरता से काम करना शुरू किया है, चीन भी उनमें से एक है। चीन नवीकरणीय ऊर्ज के उत्पादन में वैश्विक तौर पर अग्रणी है। चीन सौर और पवन ऊर्ज फार्म के निर्माण में तेजी से आगे बढ़ रहा है। बताया जाता है कि इस साल अप्रैल महीने तक चीन की सौर उत्पादन क्षमता 430 गीगावॉट पहुंच गयी। इस तरह चीन विश्व का सबसे बड़ा सौर उत्पादक देश है।

चीन द्वारा लगातार सौर ऊर्ज के इस्तेमाल पर ध्यान दिए जाने से लोगों को रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं। न केवल चीन के शहरों में नवीन ऊर्ज संबंधी वाहनों और उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है, बल्कि गांवों में भी इस ओर ध्यान है। यहां हम बात करने वाले हैं चीन के भीतरी मंगोलिया की। भीतरी मंगोलिया के अदरेस के बार्तात गांव में कुछ साल पहले तक बड़ी मात्र में कोयला खनन किया जाता था। खनन क्षेत्र 2,800 हेक्टेयर था, इसी से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उस इलाके की वायु गुणवत्ता कैसी होगी। लेकिन, केंद्र व स्थानीय सरकार की मदद से वहां खनन कार्य अब खत्म हो चुका है।

जाहिर है कोयले के स्थान पर साफ-सुथरी सौर ऊर्ज का उत्पादन किया जाने लगा है। वहां इतनी अधिक संख्या में सोलर पैनल लगे हैं कि आप देखकर हैरान हो जाएंगे। बार्तात गांव के लगभग आधे क्षेत्र में 11 लाख से अधिक सोलर पैनल लगाए गए हैं। वहां पहुंचने पर लोगों को आसपास के इलाके में हरियाली भी दिखाई पड़ती है। इससे वहां के पर्यावरण में काफी सुधार देखने को मिला है।

हालांकि, वर्ष 2020 तक उस क्षेत्र में कोयला खनन के काम में बड़ी संख्या में मजदूर जुड़े हुए थे। ऐसे में सरकार के सामने यह चुनौती थी कि खनन का कार्य बंद होने पर उन लोगों के पुनर्वास और नौकरी का क्या होगा। इसके साथ ही कोयला खनन से उक्त क्षेत्र का बहुत आर्थकि विकास हुआ था। ऐसे में विकास बाधित न हो और पर्यावरण को भी बचाया जा सके, यह चुनौती थी।

इसके मद्देनजर सरकार ने थ्यानच्याओ ग्रीन पावर नाम की एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की। जिसमें 2 अरब युआन से अधिक का निवेश किया गया। इसके सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं। अब इस योजना से सालाना 900 मिलियन किलोवॉट-घंटे स्वच्छ बिजली का उत्पादन होने लगा है। रिपोर्ट के मुताबिक इससे करीब 9 लाख 50 हज़ार लोगों की बिजली की जरूरत पूरी हो गयी। भले ही नवीन ऊर्ज शुरू में महंगी लगे पर इससे पर्यावरण और लोगों को दीर्घकालीन लाभ मिल सकता है। इसे देखते हुए चीन इस क्षेत्र में गंभीरता से लगा हुआ है।

Exit mobile version