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मानव जाति के साझे भविष्य का निर्माण दुनिया के साथ तालमेल बिठाने का China का तरीका

चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 18 जनवरी 2017 को स्विट्जरलैंड के जिनेवा स्थित पालिस डेस नेशंस में आयोजित उच्च स्तरीय सम्मेलन में मानव जाति के साझे भविष्य का समान निर्माण शीर्षक भाषण दिया। नवंबर 2022 में मानव जाति के साझे भविष्य की विचारधारा संयुक्त राष्ट्र महासभा के पहले आयोग के तीन प्रस्तावों में शामिल किया गया।

इस वैश्विक मूल्य अवधारणा में एक दूसरे पर निर्भर अंतर्राष्ट्रीय शक्ति की अवधारणा, समान हित की अवधारणा, अनवरत विकास की अवधारणा और वैश्विक शासन की अवधारणा शामिल है।

अब दुनिया में बड़ा परिवर्तन हो रहा है। राजनीतिक बहुध्रुवीयता, आर्थिक वैश्वीकरण और सांस्कृतिक विविधता का रुझान अपरिवर्तनीय है। विभिन्न देश आपस में संपर्क और निर्भरता बढ़ा रहे हैं, जबकि वैश्विक औद्योगिक श्रृंखला के पुनर्गठन, विश्व समग्र व्यवस्था में समायोजन, अनाज व ऊर्जा संकट और वैश्विक सुरक्षा खतरों में वृद्धि आदि चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।

मानव जाति के पास केवल एक पृथ्वी है। सभी देश एक दुनिया में रहते हैं। मानव जाति के साझे भविष्य के समान निर्माण का उद्देश्य अपने हितों के साथ अन्य देशों की उचित चिंता पर भी ध्यान देना है और अपना विकास करने के साथ अन्य देशों का समान विकास बढ़ाना है।

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं राष्ट्रीय कांग्रेस की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन हमेशा विश्व शांति की रक्षा और समान विकास बढ़ाने की विदेश नीति के उद्देश्य पर कायम रहता है और मानव जाति के साझे भविष्य का निर्माण बढ़ाने में जुटा है।

चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कई अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर शांतिपूर्ण विकास करने के चीन के दृढ़ संकल्प पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण विकास का रास्ता चीनी लोगों के मूल हितों के अनुसार किया गया रणनीतिक निर्णय है। चीन शांति, विकास, सहयोग और समान जीत के सिद्घांत पर विश्व शांति और विकास में अपना विकास करता है, वहीं अपने विकास से विश्व शांति और विकास की रक्षा करता है।

चीन एकमात्र देश है, जिसने शांतिपूर्ण विकास के रास्ता पर कायम रखने के विषय को अपने संविधान में शामिल किया। चीन परमाणु हथियार संपन्न पांच देशों में एकमात्र देश है, जिसने नाभिकीय हथियार के प्रयोग की पहल नहीं करने का वचन किया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य देशों में चीन ने सबसे ज्यादा शांति रक्षकों को भेजा। विश्व शांति की रक्षा करने का चीन का रुख कभी नहीं बदला।

चीन सच्चे बहुपक्षवाद पर कायम रहता है। चीन निष्पक्षता और न्याय का पालन करता है। चीन ज्यादा भूमिका निभाने के लिए विश्व व्यापार संगठन व एपेक जैसे बहुपक्षीय संगठनों को प्रोत्साहन देता है। चीन ब्रिक्स देश और शांगहाई सहयोग संगठन जैसे सहयोग तंत्र का प्रभाव बढ़ाने में प्रयास करता है। चीन अंतर्राष्ट्रीय मामलों में नवोदित बाजार और विकासशील देशों की प्रतिनिधित्व और बोलने का अधिकार भी बढ़ाता है। मानव जाति के साझे भविष्य का निर्माण चीनी कूटनीति का मुख्य विषय है और दुनिया के साथ तालमेल बिठाने का चीन का तरीका भी है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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