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नए स्तर पर पहुंची China की वन्यजीव सुरक्षा

विश्व पशु दिवस” ​​की शुरुआत 13वीं शताब्दी में एक इतालवी भिक्षु सेंट फ्रांसिस की पहल से हुई थी। वह लंबे समय तक जंगल में रहा था और जानवरों के साथ “भाई और बहन” का रिश्ता स्थापित किया था। फ्रांसिस ने इंसानों और जानवरों के बीच सामान्य और सभ्य रिश्ता स्थापित करने का आदर्श पेश किया। उनकी याद में लोगों ने 4 अक्टूबर को “विश्व पशु दिवस” ​​​​के रूप में नामित किया है।

जानवरों की रक्षा करना दुनिया के दस पर्यावरण संरक्षण कार्यों में से है। 1920 के दशक से, विभिन्न देशों के पर्यावरण समूहों ने 4 अक्टूबर को विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की हैं। चीन दुनिया में जंगली जानवरों और पौधों की सबसे समृद्ध प्रजातियों वाले देशों में से एक है और इसने जंगली जानवरों की सुरक्षा में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने बताया कि “जंगली जानवर पृथ्वी पर सभी जीवन और प्राकृतिक पारिस्थितिक प्रणालियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और उनकी रहने की स्थिति मानव जाति के सतत् विकास से बारीकी से संबंधित है।” चीन में जंगली जानवरों की रक्षा करना हमेशा से पारिस्थितिकी तंत्र और जैव विविधता की रक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है।

पिछले कुछ वर्षों में, चीन ने एक वैज्ञानिक और उचित प्रकृति आरक्षित प्रणाली का निर्माण किया है, और 90 प्रतिशत स्थलीय पारिस्थितिकी तंत्र प्रकार और 71 प्रतिशत राष्ट्रीय स्तर पर संरक्षित जंगली जानवरों और पौधों की प्रजातियों को प्रभावी ढंग से संरक्षित किया गया है। जंगली जानवरों के आवास का विस्तार जारी है और जनसंख्या का प्रकार भी बढ़ रहा है।

उदाहरण के लिए, विशाल पांडा की जंगली आबादी 40 वर्षों में 1,114 से बढ़कर 1,864 हो गई है। क्रेस्टेड आइबिस की संख्या 7 से बढ़कर वर्तमान जंगली और कृत्रिम रूप से पैदा हुई आबादी 5,000 से अधिक हो गई है। 1980 के दशक में एशियाई हाथियों की संख्या 180 से बढ़कर वर्तमान में लगभग 300 हो गयी है। 

जंगली जानवरों की रक्षा करना जैव विविधता और पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने और पारिस्थितिक सभ्यता के निर्माण को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व की अवधारणा के नेतृत्व में, नए युग में जंगली जानवरों की सुरक्षा एवं जंगली जानवरों की निगरानी और राष्ट्रीय उद्यानों के निर्माण ने चीन की वन्यजीव सुरक्षा को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया है।

 (साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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