Xu Feihong: 1 अप्रैल को चीन और भारत के बीच राजनयिक संबंध स्थापना की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर, भारत स्थित चीनी राजदूत शू फेइहोंग ने चाइना डेली और ग्लोबल टाइम्स के साथ एक संयुक्त लिखित साक्षात्कार स्वीकार किया। जिसमें उन्होंने चीन-भारत द्विपक्षीय संबंधों, आर्थिक और व्यापारिक सहयोग और सांस्कृतिक व मानवीय आदान-प्रदान पर सवालों के जवाब दिए।
चीन-भारत संबंधों के बारे में बात करते हुए, राजदूत शू फेइहोंग ने कहा कि भारत नए चीन को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था और नए चीन के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाला पहला गैर-समाजवादी देश भी था। चीन-भारत संबंधों के इतिहास पर नजर डालें तो यह पता लगाना मुश्किल नहीं है कि हालांकि दोनों देशों के बीच संबंधों में उतार-चढ़ाव आया है, लेकिन आम तौर पर विकास की आगे की गति बनी हुई है और मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान और सहयोग हमेशा मुख्यधारा रहे हैं। जैसा कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा, किसी भी दृष्टिकोण से, चीन और भारत को सद्भावनापूर्वक रहने वाले अच्छे पड़ोसी तथा हाथ में हाथ डालकर आगे बढ़ने वाले अच्छे साझेदार होना चाहिए।
चीन और भारत किस प्रकार पारस्परिक रूप से लाभकारी आर्थिक और व्यापार सहयोग को गहरा कर सकते हैं?इस पर राजदूत शू फेइहोंग ने कहा कि चीन और भारत दोनों अपने-अपने देशों में आधुनिकीकरण के महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं। चीन चीनी शैली वाले आधुनिकीकरण के साथ चीनी राष्ट्र के महान कायाकल्प को व्यापक रूप से बढ़ावा दे रहा है, उधर भारत ने भी “विकसित भारत 2047” का विजन सामने रखा है। चीन और भारत के बीच मजबूत औद्योगिक पूरकता है, और उनके आर्थिक और व्यापारिक सहयोग ने लंबे समय से अच्छी गति बनाए रखी है, जिससे दोनों देशों और उनके लोगों को लाभ हुआ है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)