16 सितंबर को, चीनी प्रधानमंत्री ली छ्यांग ने अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की 68वीं महासभा को बधाई दी। अपने संदेश में, ली छ्यांग ने सबसे पहले सफल सम्मेलन के लिए चीनी सरकार की ओर से सभी को बधाई दी। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे परमाणु ऊर्जा स्वच्छ ऊर्जा स्रोत के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और उल्लेख किया कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने निष्पक्षता, सहयोग और पारस्परिक लाभ के आधार पर एक अंतर्राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा प्रणाली बनाने का प्रस्ताव दिया है।
उन्होंने संदेश में यह भी उल्लेख किया कि चीन 40 वर्षों से IAEA का सदस्य रहा है और उस दौरान एजेंसी के प्रयासों का सक्रिय रूप से समर्थन किया है। चीन और IAEA ने परमाणु ऊर्जा विकास, सुरक्षा और अप्रसार पर मिलकर काम किया है। इस साझेदारी की बदौलत, उन्होंने महत्वपूर्ण परिणाम हासिल किए हैं और परमाणु ऊर्जा के वैश्विक शासन और विकास में योगदान दिया है।
ली छ्यांग ने इस बात पर भी जोर दिया कि चीन IAEA और अन्य सदस्य देशों के साथ सहयोग को मजबूत करने के लिए उत्सुक है। इसका लक्ष्य वैश्विक परमाणु ऊर्जा प्रशासन को अधिक निष्पक्ष और उचित बनाना, अधिक समावेशी परमाणु ऊर्जा विकास को बढ़ावा देना, तथा यह सुनिश्चित करना है कि इस क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग खुला और सुव्यवस्थित हो।
बता दें कि चीन की राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के उप निदेशक ल्यू चिंग ने चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, और आम बहस के दौरान भाषण भी दिया। इस साल चीन के IAEA में शामिल होने की 40वीं वर्षगांठ है, और ल्यू चिंग ने इस अवसर पर इस बात पर जोर दिया कि चीन का विकास बाकी दुनिया के साथ कितनी गहराई से जुड़ा हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि वैश्विक समृद्धि चीन की भागीदारी पर निर्भर करती है।
ल्यू ने वैश्विक परमाणु सहयोग में IAEA की केंद्रीय भूमिका का समर्थन करने के लिए चीन की प्रतिबद्धता को दोहराया। सतत विकास में अवसरों और चुनौतियों दोनों का सामना करते हुए, ल्यू ने तीन मुख्य क्षेत्रों को रेखांकित किया जहां चीन परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण और विकासात्मक उपयोग में योगदान करना चाहता है:
अपने भाषण में, ल्यू चिंग ने स्पष्ट किया कि चीन फुकुशिमा से परमाणु-दूषित पानी को समुद्र में छोड़ने के जापान के एकतरफा फैसले का विरोध करता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस मुद्दे ने महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय चिंता पैदा की है। चीन दीर्घकालिक अंतरराष्ट्रीय निगरानी का आग्रह करता है और चाहता है कि अमेरिका सहित सभी हितधारक मानव स्वास्थ्य और समुद्री पर्यावरण की रक्षा में शामिल हों।
बता दें कि सदस्य देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 2,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने सभा में भाग लिया, जो इसके वैश्विक महत्व को दर्शाता है।
(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)