जकार्ता: इंडोनेशिया के पश्चिम सुमात्रा प्रांत में भारी बारिश और ज्वालामुखी की ढलानों से बहते कीचड़ के कारण अचानक बाढ़ आने से माने की संख्या बढ़कर 44 हो गयी और अभी भी 15 लोग लापता हैं।।स्थानीय आपदा एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को शिन्हुआ को यह जानकारी दी।
पश्चिम सुमात्रा प्रांत की आपदा प्रबंधन और शमन एजेंसी की आपातकालीन इकाई के प्रमुख फजर सुकमा ने कहा कि बाढ़ के कारण बड़े पत्थरों और अपशिष्ट पदार्थों से पीड़ितों की तलाश में बाधा उत्पन्न हुयी, लेकिन बचावकर्मियों को प्रभावित क्षेत्रों में सात अन्य शव मिले।
उन्होंने शिन्हुआ को बताया,“हमें कई शव मिले हैं, जिससे मरने वालों की कुल संख्या 44 हो गयी है। बड़े पत्थरों ने खोज में बाधा डाली है, लेकिन हम लापता 15 लोगों की तलाश जारी रखे हुये हैं।”
उनके मुताबिक, कुछ मशीनरी उपकरण बाढ़ प्रभावित इलाकों में सफलतापूर्वक पहुंच गये हैं। उन्होंने कहा कि तलाशी अभियान तनाह दातर और अगम रीजेंसी पर केंद्रित होगा, जहां से अन्य 15 लोगों के लापता होने की सूचना मिली थी।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी (बीएनपीबी) के प्रवक्ता अब्दुल मुहरी ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के कारण तीन हजार से अधिक लोगों को घर छोड़कर दोनों रीजेंसी में शरण लेना पड़ा है क्योंकि ठंडे ज्वालामुखी की कीचड़ ने घरों, इमारतों और अन्य बुनियादी सुविधाओं को नष्ट कर दिया है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने आपदा के जवाब में आपातकालीन राहत प्रयास किये थे, जबकि बीएनपीबी के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सुहार्यंतो प्रभावित निवासियों को निकासी और सहायता वितरण की निगरानी करेंगे। इससे पहले मीडिया रिपोर्टों में मरने वालों की संख्या 37 बताई गयी थी।