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चीन और भारत के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के बीच विचार-विमर्श

26 मार्च को चीनी विदेश मंत्रालय के एशियाई मामलों के विभाग के महानिदेशक ल्यू चिनसोंग और भारतीय विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) गौरांगलाल दास ने पेइचिंग में चीनी और भारतीय विदेश मंत्रालयों के अधिकारियों के बीच परामर्श की सह-अध्यक्षता की। परामर्श का माहौल स्पष्ट, व्यावहारिक और रचनात्मक था। दोनों पक्षों ने रूस के.

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26 मार्च को चीनी विदेश मंत्रालय के एशियाई मामलों के विभाग के महानिदेशक ल्यू चिनसोंग और भारतीय विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) गौरांगलाल दास ने पेइचिंग में चीनी और भारतीय विदेश मंत्रालयों के अधिकारियों के बीच परामर्श की सह-अध्यक्षता की।

परामर्श का माहौल स्पष्ट, व्यावहारिक और रचनात्मक था। दोनों पक्षों ने रूस के कज़ान में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई महत्वपूर्ण सहमति को संयुक्त रूप से लागू करने और हाल ही में दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण द्विपक्षीय आदान-प्रदान की श्रृंखला के परिणामों के कार्यान्वयन को बढ़ावा देने पर सहमति व्यक्त की।

दोनों पक्षों का कहना है कि वे सभी स्तरों और सभी क्षेत्रों में आदान-प्रदान को सक्रिय रूप से बढ़ावा देंगे, चीन की मुख्य भूमि और भारत के बीच सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने के प्रयासों को आगे बढ़ाएंगे, कर्मियों के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाएंगे, एक दूसरे के यहां पत्रकार भेजेंगे, और मतभेदों व संवेदनशील मुद्दों को उचित रूप से संभालेंगे।

इस के अलावा, दोनों पक्ष शांगहाई सहयोग संगठन (एससीओ) जैसे बहुपक्षीय तंत्रों और अंतर्राष्ट्रीय व क्षेत्रीय मामलों में संचार और समन्वय को मजबूत करेंगे, संयुक्त रूप से बहुपक्षवाद को बनाए रखेंगे और बहुध्रुवीयता की वकालत करेंगे, वैश्विक दक्षिण के आम हितों की रक्षा करेंगे, और एक स्वस्थ व स्थिर ट्रैक के साथ चीन-भारत संबंधों के विकास को बढ़ावा देंगे।
(साभार-चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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